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बिहार में रेड: ‘लौटा दिजिए पैसा, बेटी को शादी में मिला था..’ जब इंजीनियर की सास छापेमारी के दौरान रोने लगी…

बिहार में विजलेंस ने गुरुवार को बांका में तैनात बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के कई ठिकानों पर छापमारी की. इंजीनियर के भागलपुर स्थित ससुराल में भी छापेमारी की गयी. जानिए क्या हुआ जब इंजीनियर की सास छापेमारी के दौरान रोने लगी..

SVU Raid Bihar: पटना की छह सदस्यीय विजिलेंस टीम द्वारा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी बांका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के कई ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की गयी. बांका में दफ्तर व सरकारी आवास के अलावे भागलपुर में उनके ससुराल व पूर्णिया स्थित घर और पटना में भी छापेमारी की गयी. इस दौरान 40 लाख रुपए कैश और करोड़ों की संपत्ति विजिलेंस की टीम को मिली है. वहीं जब भागलपुर स्थित ससुराल में छापेमारी की गयी तो ससुर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गयी.

ससुर की भूमिका भी संदिग्ध

एसवीयू ने जांच के दौरान रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात उनके ससुर की भूमिका को भी संदिग्ध पाया है. अभियुक्त की 2014 में विद्युत सहायक अभियंता के पद पर नियुक्ति हुई थी. उनकी पत्नी ने भी कुछ वर्ष पहले ही बैंक में तृतीय श्रेणी कर्मी के रूप में योगदान दिया है. एसवीयू ने बताया कि संजीव गुप्ता व उनकी पत्नी के नाम पर दो लॉकर, 10 बैंक खाता और बैंक एफडी है. उनकी नाबालिग पुत्री के नाम पर भी तीन लाख का एफडी है. अभियंता के पास कई एलआइसी पॉलिसी व जमीन डीड के पेपर भी मिले हैं, जिस पर विस्तृत अनुसंधान किया जा रहा है. उनकी सूबे से बाहर भी आय से अधिक संपत्ति होने की संभावना जतायी गयी है.

ससुराल में हुई छापेमारी, दामाद ने बनवाया था ससुर का घर..

बांका बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के भागलपुर के अलीगंज गंगा विहार कॉलोनी स्थित ससुराल में हुई छापेमारी के दौरान आस-पड़ोस के लोग अपने घरों में खिड़कियों और दरवाजों पर खड़े होकर हो रही कार्रवाई की टोह लेते रहे. इधर इलाके लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं भी थी. लोगों का कहना था कि भागलपुर में पोस्टिंग के दौरान अभियंता दामाद ने खुद खड़े होकर ससुर के घर का निर्माण कराया था. निर्माण में महंगे टाइल्स, फर्निशिंग के सामान आदि का उपयोग किया गया. लोगाें का कहना था कि अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के ससुर राजकिशोर मंडल भागलपुर रेलवे में सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. वहीं उनकी सास भी शिक्षिका हैं. संजीव कुमार गुप्ता की पत्नी जामुनी कुमारी पश्चिम बंगाल के रामपुरा स्थित यूको बैंक की ब्रांच मैनेजर हैं.

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बेटी की शादी में चौक में मिले हैं पैसे, लौटा दीजिए, बोलते-बोलते रो पड़ीं अभियंता की सास…

छापेमारी के दौरान घर में मौजूद अभियंता संजीव कुमार गुप्ता की सास और ससुर दोनों की आवाजें जोर-जोर से घर के बाहर तक आ रही थी. पहले तो छापेमारी और सर्वे के दौरान घर के लोगों ने टीम के साथ काफी सहयोग किया. पर बाद में जब टीम बरामद नकद, आभूषण आदि का इंक्वेस्ट तैयार करने लगी तो सास और ससुर ने कई सामान को जब्त किये जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराने लगे. इसी बीच सास ने उक्त पैसों में से करीब 40 हजार रुपये पर दावा किया और कहा कि उक्त पैसे उनकी बेटी की शादी में बतौर चौंक (उपहार) मिले हैं. कम से कम उन रुपयों को तौ लौटा दिया जाये. पर टीम के सदस्यों ने इस बात आपत्ति दर्ज की. हालांकि बाद में काफी समझाने के बाद लोगों को शांत कराया गया.

कोतवाली और बबरगंज थाना की टीम सुरक्षा में थी तैनात..

छापेमारी के दौरान स्पेशल विजिलेंस टीम के साथ उनके सहयोग के लिए वरीय अधिकारियों के निर्देश पर कोतवाली थाना को निर्देशित किया गया. इस बात पर कोतवाली थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर जेपी यादव और जेएसआइ दवानंद पासवान दलबल के साथ मौजूद थे. दोपहर करीब दो बजे उनके निकलने के बाद बबरगंज थाना की टीम भी मौके पर पहुंच गयी. टीम देर शाम तक मौजूद रही.

कार्यपालक अभियंता के गिरफ्तारी पर बांका पहुंचे उनके परिजन.

विजिलेंस टीम के द्वारा विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता पर गुरुवार की सुबह की गयी कार्यवाही पर पूर्णिया स्थित उनके घर व नानी के घर से ममेरा भाई आदि मिलने बांका पहुंचे. बांका पहुंचे ममेरा भाई आशीष कुमार ने बताया कि संजीव कुमार मेरा ममेरा भाई है. जैसे ही हम लोगों को सूचना मिली कि विजिलेंस टीम के द्वारा उनके आवास पर छापेमारी व कार्यवाही की जा रही है कि हम लोग सुल्तानगंज से बाबा धाम जा रहे थे. पूजा-पाठ को छोड़कर मिलने के लिए यहां पहुंच गये. हालांकि ममेरा भाई ने आवास पर संजीव से मिलने का प्रयास किया, लेकिन मौजूद पुलिस कर्मी व अधिकारियों ने उन्हें मिलने नहीं दिया. इसके बाद उक्त टीम ने कार्यपालक अभियंता को विद्युत विभाग के स्कॉपीओ पर बैठाकर भागलपुर के लिए रवाना हो गये.बता दें कि जांच के बाद सामने आयी जानकारी के अनुसार, कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता ने अपने मात्र आठ वर्षों के कार्यकाल में आय से करीब चार गुनी अधिक संपत्ति बनायी है.

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