बिहार: बांका का एक्जीक्यूटिव इंजीनियर 8 साल में बना करोड़पति, छापा पड़ा तो काली कमाई का सच ऐसे आया सामने..

SVU Raid In Bihar: बांका में बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी. इस दौरान इंजीनियर की काली कमाई का पूरा सच बाहर आ गया. कार्यपालक अभियंता ने आठ साल में आय से चार गुनी अधिक संपत्ति बनायी.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 22, 2023 8:32 AM
an image

SVU Raid In Bihar: बांका में बिजली विभाग में कार्यरत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के कई ठिकानों पर गुरुवार को एसवीयू ने छापेमारी की. इस दौरान इंजीनियर की काली कमाई का सच सामने आ गया. बिजली कंपनी के बांका विद्युत आपूर्ति डिवीजन में तैनात कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता ने अपने मात्र आठ वर्षों के कार्यकाल में आय से करीब चार गुनी अधिक संपत्ति बनायी है. इस अवधि में सरकारी कार्य से वेतन के रूप में उनको लगभग 66 लाख रुपये मिले, जबकि विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने उनके ठिकानों पर की गयी छापेमारी में कुल सात करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति बरामदगी की है. एसवीयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध 1.03 करोड़ रुपये आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करते हुए छानबीन शुरू की गयी थी. लेकिन, जांच में आय से अधिक करीब चार गुणा अधिक संपत्ति पायी गयी है. जांच अब भी जारी है. एसवीयू ने जांच के दौरान रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात उनके ससुर की भूमिका को भी संदिग्ध पाया है. अभियुक्त की 2014 में विद्युत सहायक अभियंता के पद पर नियुक्ति हुई थी. उनकी पत्नी ने भी कुछ वर्ष पहले ही बैंक में तृतीय श्रेणी कर्मी के रूप में योगदान दिया है.

छापेमारी में क्या मिला?

एसवीयू ने बताया कि संजीव गुप्ता व उनकी पत्नी के नाम पर दो लॉकर, 10 बैंक खाता और बैंक एफडी है. उनकी नाबालिग पुत्री के नाम पर भी तीन लाख का एफडी है. अभियंता के पास कई एलआइसी पॉलिसी व जमीन डीड के पेपर भी मिले हैं, जिस पर विस्तृत अनुसंधान किया जा रहा है. उनकी सूबे से बाहर भी आय से अधिक संपत्ति होने की संभावना जतायी गयी है. एसवीयू की पांच टीमों ने गुरुवार को अभियंता के बांका स्थित कार्यालय व सरकारी आवास, भागलपुर के बाबरगंज स्थित आवासीय मकान, पूर्णिया के के नगर स्थित गांव और दानापुर (पटना) के सगुना मोड़ आरके पुरम स्थित फ्लैट पर एक साथ छापेमारी की. इसमें उनके पास 40 लाख रुपये नकद, दस से अधिक बैंक खाते-एफडी में उनके व पत्नी के नाम पर 30 लाख से अधिक का निवेश, 15 लाख रुपये की क्रेटा गाड़ी मिली है. लाखों रुपये के जेवरात का अलग से मूल्यांकन हो रहा है. अभियंता के दानापुर स्थित फ्लैट की कीमत 35 लाख बतायी गयी है, जो कि पूर्ण रूप से सुसज्जित एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस है. उनका भागलपुर में 35 लाख का तीन मंजिला मकान और 30 लाख रुपये का गोदाम है. पूर्णिया में भी फ्लैट है. इसके अलावा नौ ऐसे भूखंडों की जानकारी मिली है, जिनकी कीमत चार करोड़ रुपये से अधिक बतायी गयी है. एसवीयू ने तलाशी के दौरान पाया कि अभियंता नशे के भी आदी हैं.

2022 में संजीव गुप्ता ने दिया योगदान

गत 6 मार्च 2022 को संजीव कुमार गुप्ता ने बांका विद्युत प्रमंडल शाखा कार्यालय में कार्यपालक अभियंता के पद अपना योगदान दिया था. इसके पूर्व प्रकाश झा बांका में कार्यपालक अभियंता के पद पर कार्यरत थे. संजीव ने योगदान देने के बाद कुछ दिन तक भागलपुर से बांका प्रतिदिन आना-जाना किया करते थे. विद्युत कार्यालय परिसर स्थित सरकारी आवास का रंग-रोगन का कार्य पूरा कराने के बाद वे सरकारी आवास में रहने लगे. विभागीय सूत्री से मिली जानकारी के अनुसार वे अपने सरकारी आवास में अकेले रहते थे. जबकि खाना बनाने के लिए कार्यालय में चौकीदार के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति को रखा था. जो दिन में चौकीदार का ड्यूटी पूरा करने के बाद उनके आवास पर खाना आदि बनाने व बाजार से सामान लाने का काम किया करते है.

बांका में अबतक की सबसे लंबी छापेमारी, ऐसे खुलने लगी काले कारनामे की पोल

पटना की छह सदस्यीय विजिलेंस टीम द्वारा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी बांका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के बांका स्थित सरकारी आवास पर पहुंची . इस दौरान छापेमारी कर नगदी सहित कई कागजात आदि को जब्त किया गया. इसके साथ कार्यपालक अभियंता को गिरफ्तार कर टीम अपने साथ ले गयी. सुबह से दोपहर तक बिजली ऑफिस परिसर में छापेमारी होता देखकर अफरा-तफरी का माहौल रहा. छापेमारी का यह अभियान साढ़े चार घंटे तक चला. अब तक की ये सबसे लंबी छापेमारी बांका में थी. कार्यपालक अभियंता की गिरफ्तारी के बाद उनके काले कारनामे की पोल भी खुल रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनके कार्यकाल में बांका व भागलपुर जिला के एक दर्जन से अधिक स्थानीय संवेदक बहाल थे. जो बिजली मीटर लगाने, पोल तार लगाने, बिजली पोल पर मद्य निषेद्ध के स्लोगन लिखने, विभागीय कार्य के लिए वाहनों को निबंधित करने सहित अन्य छोटे-छोटे कार्यो में स्थानीय संवेदक बहाल कर रखे थे. जिनसे उन्हे अच्छी कमाई होने की बात भी सामने आ रही है. विभाग के कुछ कर्मियों ने गुप्त तरीके से बताया कि टीम के द्वारा अगर पूरे मामले की जांच होती है तो कई और काला सच से राज सामने आ सकता है.

Exit mobile version