Swachh Survekshan 2021: स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए देश के 53 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा का दौर चल रहा है. बीते कई वर्षों में बिहार (Bihar) के शहरों की रैंकिंग की उस प्रकार से बेहतर नहीं हो पायी जैसा किसी दूसरे राज्यों के शहरों की रैंकिंग सुधरी. तो इसका कारण ये है कि स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर आम लोगों की ओर से दिये जाने वाले फीडबैक में बिहार के लोग पीछे रहते हैं. इस बार भी वैसा ही हो रहा है.
सर्वेक्षण में केंद्र सरकार की ओर से पूछे जाने वाले सवाल और आम लोगों की ओर से अपने शहर के बारे में दी जाने वाली जानकारी के मामले में विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर के टॉप पांच शहरों में बिहार के लोगों की जगह नहीं बन पायी है. लोग फीडबैक देने को लेकर उतने जागरूक नहीं हैं.
फिलहाल, दस लाख से अधिक की जनसंख्या की श्रेणी में टॉप पांच में पहले नंबर पर यूपी का प्रयाग राज है. जबकि, दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम है. वहीं, एक लाख से दस लाख तक जनसंख्या वाले शहर में पहला स्थान चित्तूर का है, जबकि इस श्रेणी में दूसरे स्थान पर पंजाब का पठानकोट है.
दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण 2012 में फीडबैक के लिए उस शहर की दस फीसदी जनसंख्या को आदर्श माना गया है. वहीं सर्वेक्षण में शहरों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर, एक लाख से दस लाख तक जनसंख्या वाले शहर, 50 हजार से एक लाख तक के जनसंख्या वाले शहर, 25 हजार से 50 हजार तक की जनसंख्या वाले शहर और 25 हजार से कम जनसंख्या वाले शहर शामिल हैं. इस बार सर्वेक्षण में कुल अंक छह हजार निर्धारित है. इसमें से 1250 अंक फीडबैक के आधार पर निर्धारित किया गया है. जानकारी के अनुसार अब केवल 15 मार्च तक फीडबैक देने की सुविधा रहेगी.
दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण में अपने शहर की रैंकिंग बढ़ाने के लिए आम लोगों को दो तरह से फीडबैक देना है. पहला फीडबैक स्वच्छता सर्वेक्षण में केंद्र की ओर से भेजे गये आठ सवालों का जवाब हां और ना में देना है, जबकि दूसरा फीडबैक लोगों को अपने सवाल व जानकारी के अनुसार देना है. सर्वेक्षण के लिए फीडबैक केंद्र सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण वेबसाइट व निकायों के स्वच्छता एप पर दिया जा सकता है.
हाल के दिनों में नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से बिहार में स्वच्छता फीडबैक को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए शहरों में होर्डिंग-बैनर से लेकर नुक्कड़ नाटक आदि का भी आयोजन किया जा रहा है. इसी का असर है कि पिछले साल की तुलना में जनता का फीडबैक बढ़ता दिख रहा है. इसमें भी पोर्टल से ज्यादा एप पर बिहार के लोग फीडबैक दे रहे हैं. अभी तक बिहार के 62,921 लोगों ने पोर्टल जबकि 1,45,396 लोगों ने एप के जरिये फीडबैक दिया है
Posted By: Utpal kant