पटना. स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के नतीजों की घोषणा भले ही अब तक नहीं हो सकी है, लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की मूल्यांकन प्रक्रिया अपने तीसरे स्टेज में पहुंच गयी है. अगले तीन माह (अगस्त से अक्तूबर) तक चलने वाले इस चरण में नगर निकायों को कई नये मापदंडों पर परखा जायेगा. मूल्यांकन को लेकर इस बार भारत सरकार ने कई नये इंडिकेटर्स लांच किये हैं. इस चरण में उन इंडिकेटर्स के आधार पर नागरिक सत्यापन के साथ ही निकायों में शुरू की गयी कचरा प्रसंस्करण सुविधाओं का क्षेत्र वार मूल्यांकन भी किया जायेगा. इस चरण में सूबे के नगर निकायों को सेवा आधारित सेवा आधारित प्रगति (सर्विस लेवल प्रोग्रेस) में अंक जुटाना बड़ी चुनौती होगी.
स्वच्छता मूल्यांकन के इस भाग में अंकों की संख्या 2022 में रहे 3000 अंक के मुकाबले 2023 में बढ़ा कर 4525 कर दी गयी है. इसमें निकायों में वर्गीकृत कर एकत्रित किये जाने वाले कचरे की स्थिति पर 39 फीसदी यानी 1750 अंक, उसके प्रोसेसिंग और डिस्पोजल पर 40 फीसदी यानी 1830 अंक तथा इस्तेमाल किये गये पानी के प्रबंधन और सफाई मित्र सुरक्षा आदि विषयों के मूल्यांकन पर 21 फीसदी यानी 945 अंक मिलने हैं. सभी निकायों ने इस संबंध में भारत सरकार के पोर्टल पर अपनी वर्तमान स्थिति स्पष्ट कर दी है, जिसका नागरिक सत्यापन और मूल्यांकन इस तीसरे फेज में किया जाना है.
मूल्यांकन के नये मापदंडों के तहत इस बार हर घर से कचरे का वर्गीकरण कर उठाव करने वाले निकायों को पहले के मुकाबले 10 से 13 फीसदी अधिक अंक मिलेंगे. इसी तरह बेहतर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर 2 से 10 फीसदी, कचरे का बेहतर उपयोग करने पर दो फीसदी वेटेज और स्वच्छता एप इंडिकेटर में ‘येलो स्पॉट’ की स्थिति पर 10 से 18 फीसदी तक अंक बढ़ सकते हैं. स्मारकों और स्वतंत्रता सेनानी से जुड़ेस्थलों की सफाई में एनसीसी, एनवाइके, एनएसएस आदि संगठनों को जोड़ने वाले निकायों को अतिरिक्त अंकों का फायदा मिलेगा.
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अधिकारियों के मुताबिक स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के नतीजों की घोषणा इसी महीने या अगले महीने के प्रारंभ में की जा सकती है. ‘पीपुल फर्स्ट’ थीम पर हुए इस सर्वेक्षण में देशभर से अब तक सबसे अधिक 4355 शहरों ने भाग लिया था. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 ‘कचरे से धन’की थीम पर कराया जा रहा है.