बक्सर में गंगा की जल स्तर घटने की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा है. पिछले 48 घंटे में मात्र 65 सेंटीमीटर गंगा की जल स्तर घटा है. गुरुवार को दोपहर 2 बजे तक बक्सर में गंगा का जल स्तर 57.61 मीटर दर्ज किया गया. काफी धीमी गति से घट रहा गंगा का जल स्तर को लेकर प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. अभी भी अधिकांश छठ घाटों की सीढ़ियां पानी में डुबा है. वही घाट किनारे दलदल भी है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी पानी नीचे खिसकने का इंतजार कर रहे हैं. जैसे-जैसे पानी का स्तर घटता जायेगा, वैसे-वैसे छठ घाटों के किनारे बांस व बल्ला लगाकर बैरकेटिंग करने व लाल झंडा गाड़ने का निर्देश जारी किया गया है.
छठ घाटों की सीढ़ियों से पानी जब तक नीचे नहीं उतर जाता है, तब तक साफ-सफाई करना चुनौती बना हुआ है. नाथ बाबा घाट के किनारे अभी बैरकेटिंग नहीं किये जाने से हादसा होने की संभावना है. वही कच्ची रास्ता को लेकर भी श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. वही सिद्धनाथ घाट पर दलदल है. घाट के दोनों तक सिल्ट जमा है.
बिहार में 28 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार को नहाए खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत होगी. छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाए कहा जाता है. छठ पूजा के पहले दिन स्नान करने के बाद पूजा की जाती है और फिर चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. वहीं, 29 अक्टूबर को खरना है. 30 अक्टूबर को महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी. 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा.
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बांस की बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा हरा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, केला, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई और सभी फल.