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Prakash Parv 2022:गुरु पर्व को लेकर तख्त श्री पटना साहिब सज-धज कर तैयार, गुरुद्वारा में स्थित कुंआ है खास

Guru Nanak Jayanti 2022: तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए बहुत खास है. क्योंकि यहीं पर सिख पंथ के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 दिन शनिवार को बिहार के पटना साहिब में हुआ था. इस दिन को गुरु पर्व (Guru Parv) या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2022 6:37 PM

Guru Nanak Jayanti 2022: बिहार की राजधानी पटना में प्रकाश पर्व (Prakash Parv 2022) को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में है. आठ नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरु पर्व का उद्घाटन करेंगे. इस दिन वाहे-वाहे गुरु जपते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है. शाम के समय लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन बजते हैं और गुणवाणी का पाठ किया जाता है. यह दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए भी खास होती है. क्योंकि इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी मनायी जाती है.

इसी पावन धरा पर गुरु गोविंद सिंह जी का हुआ था जन्म

हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए बहुत खास है. क्योंकि यहीं पर सिख पंथ के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 दिन शनिवार को बिहार के पटना साहिब में हुआ था. इस दिन को गुरु पर्व (Guru Parv) या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है. इस वजह से सिखों के लिए पटना साहिब गुरुद्वारा बहुत खास महत्व रखता है. हर साल इस गुरुद्वारे में सभी धर्म के लाखों श्रद्धालु आते हैं.

सिखों के लिए खास है पटना साहिब गुरुद्वारा

बता दें कि दुनिया में सिखों के पांच प्रमुख तख्तों में तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का दूसरा स्थान है. यह स्थान दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है. यह सिखों की लौकिक शक्ति की पांच पीठों में से एक है और तीन सिख गुरूओं द्वारा अधिष्ठापित किया है. सिख धर्म के जानकार बताते हैं कि यहां पर गुरुद्वारा बनने से पहले श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी इस गुरुद्वारे के स्थान पर बंगाल और असम की ओर जाते समय यहां पर रुका करते थें.

गुरुद्वारा में स्थित कुंआ है खास

जानकार बताते हैं कि इस गुरुद्वारे के स्थान पर पहले श्री सलिसराय का घर था. श्री सलिसराय पेशे से एक जौहरी थे. जो गुरु गोविंद सिंह जी का बड़े भक्त थे. श्री गुरु गोविंद सिंह जी अपने जन्म के करीब 5 साल यहीं बिताए हैं. श्री पटना साहिब जी में आज भी माता गुजरी देवी जी का कुआं विद्यमान है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सिख धर्म के अनुयायी सालों भर आते रहते हैं. गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म माता गुजरी देवी की गर्भ से ही हुआ था. यह महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनवाया गया गुरुद्वारा है, जो स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना पेश करता है.

बिना पिलर का दरबार हॉल बनकर तैयार

हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा में इस बार का प्रकाश पर्व खास होने वाला है. क्योंकि यहां एशिया का सबसे बड़ा बिना पिलर का दरबार हॉल बनकर तैयार हो चुका है. यहां पहले हॉल के अभाव में एक बड़ा टेंट तैयार कराया जाता था. जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों को किया जाता था. लेकिन अब सैकड़ों की संख्या में यहां इकट्ठा होकर इन धार्मिक अनुष्ठानों को कर सकेंगे. इस हॉल का और प्रकाश पर्व का उद्घाटन 8 नवंबर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार के द्वारा किया जाएगा.

यूके के बाबा मोहिंद्र सिंह ने कराया है हॉल का निर्माण

इस दरबार हॉल का निर्माण गुरु नानक निष्काम सेवा जत्था बर्मिंघम (यूके) के बाबा मोहिंद्र सिंह के द्वारा करया गया है. हॉल का निर्माण 22400 स्क्वायर फिट में किया गया है. दरबार हॉल को तैयार होने में लगभग 3 साल का समय लगा है. हॉल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दरबार को सजाने में लगभग एक साल का समय लगा था.

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