कैसे सुकून पाऊं तुझे देखने के बाद, अब क्या गजल सुनाऊं… बिहार की बेटी श्रुति ने तलत अजीज के साथ की जुगलबंदी

तलत अजीज ने कहा कि पिछली बार जब पटना आया था, तो इस गाने की फरमाइश आयी थी, लेकिन मैंने गाने से मना कर दिया था. लेकिन, इस बार मेरी शिष्या इसमें मेरा साथ देंगी. श्रुति को मैंने अब तक ऑनलाइन ही संगीत की ट्रेनिंग दी है. यह पहली बार है कि मैं उससे मिल रहा हूं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2023 4:03 AM

बिहार दिवस समारोह के दूसरे दिन गुरुवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में तलत अजीज ने जैसे ही गजल की तान छेड़ी, पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. उन्होंने ‘कैसे सुकून पाऊं तुझे देखने के बाद, अब क्या गजल सुनाऊं तुझे देखने के बाद’ गाकर अपनी पहली प्रस्तुति दी. इसके बाद फरमाहिशों का दौर शुरू हुआ.

जिंदगी जब भी तेरे बज्म में लाती हैं हमें…

तलत अजीज ने जिंदगी जब भी ‘तेरे बज्म में लाती हैं हमें.., आज जाने की जिद्द ना करो..’ गाया. इसके बाद गोपालगंज से आयी उनकी शिष्या श्रुति वर्मा ने अपने गुरु तलत अजीज के साथ ‘कब ख्वाब में या ख्याल में कभी जिंदगी की धार में…’ जुगलबंदी की. उन्होंने कहा कि पिछली बार जब पटना आया था, तो इस गाने की फरमाइश आयी थी, लेकिन मैंने गाने से मना कर दिया था. लेकिन, इस बार मेरी शिष्या इसमें मेरा साथ देंगी. श्रुति को मैंने अब तक ऑनलाइन ही संगीत की ट्रेनिंग दी है. यह पहली बार है कि मैं उससे मिल रहा हूं. अगली पेशकश मुझे मेरे पुराने दिनों की याद दिलाती है, जब मैं लता जी के सामने बिल्कुल नवर्स होकर गाया था, जिस तरह श्रुति महसूस कर रही है. फिर छिड़ी बात, बात फूलों की, रात है या बारात फूलों की… और रंजिशे ही सही दिल दुखाने के लिए गाया. पहली बार ऐसा हुआ है कि उन्होंने स्टेज पर खड़े होकर गाना गाया. उन्होंने दिलकश सजा दी जे…, तुमको देखा, तो ख्याल आया.. और होठों से छू लो तुम …इस गाने पर उन्होंने वहां बैठे दर्शकों से भी गुनगुनवाया. मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

पटना में सबसे ज्यादा आनंद आता है : तलत अजीज

तलत अजीज ने कहा कि जब पटना में रात भर प्रोग्राम हुआ करता था, उस वक्त यहां आना हुआ है. पटना और बिहार के अन्य जिलों में कई कार्यक्रम करने का मौका मिला है. देश-विदेश में कई शो किये, लेकिन पटना में सबसे ज्यादा आनंद आता है. यहां मैं शो नहीं करता, मैं आपके साथ होता हूं और आप मेरे साथ होते हैं.

दमादम मस्त कलंदर… ने पूरे दर्शक दीर्घा को झुमाया

तलत अजीज की प्रस्तुति के बाद नियाजी ब्रदर्स ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि हमने पटना में कई बार प्रस्तुति दी है, लेकिन यह पहला मौका है, जब बिहार दिवस पर हम प्रस्तुति देंगे. उन्होंने कहा कि आज का दिन काफी खास है, क्योंकि रमजान का महीना और बिहार दिवस साथ- साथ है. उन्होंने हर गीत की प्रस्तुति से पहले इसके बारे में बताया और कई शब्दों के अर्थ भी बताये. इसके बाद एक के बाद प्रस्तुतियां देते गये और दर्शकों की तालियां बजती गयीं. उन्होंने ‘कव्वाली भर दो झोली मेरी या मोहम्मद…, चढ़ता सूरज धीर-धीरे.., दमादम मस्त कलंदर… और छाप तिलक’ गीतों को गाया.

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