पटना और बरौनी में टैंक बन कर तैयार, बिहार में जल्द चलेगी खाने के तेल से कार!
यूसीओ (प्रयुक्त खाद्य तेल) आधारित बायोडीजल मिश्रित डीजल की सप्लाइ जल्द बिहार में भी शुरू होगी. इसकी तैयारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की बिहार कार्यालय ने शुरू कर दी है. इसके लिए टैंक बन कर तैयार है.
सुबोध कुमार नंदन, पटना. यूसीओ (प्रयुक्त खाद्य तेल) आधारित बायोडीजल मिश्रित डीजल की सप्लाइ जल्द बिहार में भी शुरू होगी. इसकी तैयारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की बिहार कार्यालय ने शुरू कर दी है. इसके लिए टैंक बन कर तैयार है.
अधिकारियों की मानें तो सरकार आदेश और उत्पाद की व्यवस्था कर दे, तो उसके 10-15 दिन के अंदर बिहार में भी बायोडीजल की सप्लाइ शुरू हो जायेगी. अाधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना में चार हजार केएल और बरौनी में छह हजार केएल क्षमता वाला टैंक लगभग तैयार है.
इंडियन ऑयल कंपनी ने खाने के तेल से ईंधन बनाने का काम ‘रंधन से ईंधन’ योजना के तहत शुरू किया है. रंधन का अर्थ पाक कला से जुड़ा होता है. दिल्ली स्थित टिकरीकलां टर्मिनल से दो दिन पहले इसकी शुरुआत हुई है.
मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने यूपी, गुजरात और मध्य प्रदेश में आठ बायोडीजल संयंत्रों का निर्माण शुरू किया है. बिहार में भी इसकी तैयारी शुरुआती दौर में है. मिली जानकारी के अनुसार इंडियन ऑयल ने 22.95 करोड़ लीटर की कुल क्षमता वाले बायोडीजल संयंत्रों के लिए 30 एलओआइ भी जारी की है.
वाहनों में नहीं करना होगा कोई बदलाव
अधिकारियों की मानें तो बायोडीजल की सहायता से डीजल वाहनों को चलाने के लिए उनमें किसी प्रकार का तकनीकी परिवर्तन भी नहीं करना पड़ता है. शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बायोडीजल का प्रयोग बढ़ाना बहुत जरूरी कदम है. राज्य सरकार का लगभग पांच फीसदी बायोडीजल सम्मिश्रण का लक्ष्य है.
क्या है बायोडीजल
बायोडीजल पारंपरिक डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है. यह वनस्पति तेलों, पशु वसा, चर्बी और अपशिष्ट खाद्य तेल से उत्पादित किया जाता है. इन तेलों को बायोडीजल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रांस-इस्टरीकरण कहा जाता है.
Posted by Ashish Jha