मुजफ्फरपुर. राज्य सरकार हर घर नल का जल योजना का काम पूरा नहीं करने वाले मुखियों और वार्ड सदस्यों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाये जाने पर विचार कर रही है. इस सूचना के बाद बड़ी संख्या में जिले के मुखिया हड़बड़ी में हैं. काम पूरा करने के लिए कोई ठेकेदार को हड़का रहा है, तो कोई उनसे आरजू मिन्नत कर रहा है. यहां तक कि पंचायत चुनाव के कार्यक्रम के एलान के पहले हर हाल में नल का जल का काम पूरा करने के लिए ठेकेदार को रेट से डेढ़ गुना ज्यादा भुगतान का ऑफर भी दिया जा रहा है.
दरअसल मुजफ्फरपुर जिले के 117 वार्डों में हर घर नल का जल योजना का काम पूरा नहीं हुआ है. इसके पीछे मुखिया और वार्ड सदस्यों की लेट-लतीफी है. अब जब पंचायती राज विभाग ने शिकंजा कसा है, तो वे हड़बड़ी में हैं. पंचायत चुनाव के नजदीक आने के साथ उन्हें चिंता सताने लगी है. यदि सरकार ने फैसला किया तो अधूरे वार्ड वाले मुखिया व वार्ड सदस्य जिम्मेवार ठहराये जायेंगे.
रोचक बात यह है कि ऐसे पंचायत के मुखिया व वार्ड पार्षद आनन-फानन में नल-जल का काम शुरू कर दिये हैं. संवेदक पर जल्द काम पूरा कराने के लिए दवाब बनाया जा रहा है. कोरोना का हवाला देकर लोगों को बताया जा रहा है कि अब तेजी से काम होगा.
अब तक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के 4213 वार्डों में हर घर नल का जल का काम पूरा हुआ है. हालांकि जो काम हुए हैं, इसमें भी लगातार शिकायतें मिल रही हैं. इस योजना के तहत लोगों के घरों तक सहज एवं सुलभ ढंग से स्वच्छ पानी पहुंचाने की मुहिम सरकार ने शुरू की, लेकिन संबंधित पदाधिकारी व कर्मचारी की अनदेखी व जनप्रतिनिधियों की सुस्ती के कारण योजना का लाभ लोगों को सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है.
गड़बड़ी की शिकायत के बाद आला अफसरों ने कई बार जांच भी की. कई जगहों से शिकायत है कि महीनों पूर्व पानी टंकी लगायी गयी और पाइप बिछाकर नलका भी लगाये गये. लेकिन, जलापूर्ति शुरू नहीं हुआ. कई वार्ड की गलियों में बिछायी गयी पाइप टूट गयी है.
Posted by Ashish Jha