बिहार में चयनित तकनीकी एजेंसी के माध्यम से हर घर नल का जल योजना का घर-घर सर्वे का काम फरवरी से शुरू होगा. इसमें योजना से छूटे घरों को चिह्नित किया जायेगा और मार्च से पहले उन सभी घरों में पानी पहुंचाया जायेगा. वहीं, सर्वे के दौरान एजेंसी व अधिकारियों की टीम लाभुकों से मुलाकात करने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें लाभुकों से जुड़ी शिकायत और लाभ की पूरी जानकारी होगी और उसी जानकारी के आधार पर आगे योजना को बढ़ाया जायेगा.
योजना पहुंचाने में दिक्कत आने पर नयी योजना से जुड़ेंगे छूटे घर
पीएचइडी अधिकारियों के मुताबिक सर्वे के बाद जो भी घर छूटे चिह्नित होंगे. वहां तक नल से जल पहुंचाने में किसी तरह की कठिनाई आयेगी, तो उस घर को नयी योजना से जोड़ा जायेगा, ताकि कम खर्च में छूटे घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाया जा सके.
सोशल ऑडिट की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
पीएचइडी द्वारा हर घर नल का जल निश्चय के अंतर्गत 4095 पंचायतों में कराये गये काम का ऑडिट कराया गया, जिसमें 94 प्रतिशत पंचायतों में जन सुनवाई हुई और ग्रामीण नल का जल से संतुष्ट दिखे.वहीं दो प्रतिशत घरों में हाउस कनेक्शन नहीं होने. 12 प्रतिशत पंचायतों में शिकायतों का निराकरण सही समय पर नहीं होने, पाइपलाइन बिछाने के बाद सड़क की मरम्मत नहीं करने की शिकायत भी आयी थी. इसकी समीक्षा के बाद दोबारा दोबारा सर्वे कराने का निर्णय लिया गया.
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