शिक्षक नियुक्ति : काउंसेलिंग में बीएड को तरजीह देने से आ रही दिक्कत, 50 प्रतिशत पद रह गये खाली
छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन में पांच से 12 जुलाई तक आयोजित काउंसेलिंग के पहले चरण में लगभग 26 हजार पदों में 40 फीसदी 10231 पद रिक्त रह गये हैं. चार हजार ऐसे भी पद रिक्त रह गये हैं, जहां विभिन्न वजहों से काउंसेलिंग नहीं हो सकी.
पटना. छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन में पांच से 12 जुलाई तक आयोजित काउंसेलिंग के पहले चरण में लगभग 26 हजार पदों में 40 फीसदी 10231 पद रिक्त रह गये हैं. चार हजार ऐसे भी पद रिक्त रह गये हैं, जहां विभिन्न वजहों से काउंसेलिंग नहीं हो सकी. इस तरह ऐसी नियोजन इकाइयां, जहां दिव्यांगों अभ्यर्थियों ने आवेदन नहीं भरे थे, वहां कुल तीस हजार पदों में प्रस्तावित काउंसेलिंग में केवल 15836 पद ही भरे जा सके हैं.
शिक्षा विभाग पद रिक्त हो जाने को लेकर खासा परेशान है. पद खाली रह जाने की सबसे बड़ी वजह आरक्षित कोटे के अधिकतर पद खाली रह रहे हैं. आरक्षित कोटे के योग्य अभ्यर्थियों की संख्या पद के अनुपात में बेहद कम है.
एससी, एसटी और आरक्षित वर्ग की दूसरी कोटियों में नाम मात्र के लिए ही आवेदक सामने आये हैं. दूसरी सबसे बड़ी वजह विषय के हिसाब से टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या भी कम होना है. जानकारों का कहना है कि छठे चरण में आये करीब एक लाख में से 30 फीसदी अभ्यर्थी केवल सामाजिक विज्ञान में टीइटी हैं. शेष विषयों में टीइटी धारकों की कमी है.
बीएड को तरजीह देने से आ रही दिक्कत
रही -सही कसर डीएलएड धारकों के साथ बीएड को तरजीह देने से हो गयी है. इससे भी पद भरने में दिक्कत आयी है. दूसरा यह कि लड़कियों के इस बार मेरिट में अच्छा स्थान बनाने से वे अपने कोटे से परे सामान्य वर्ग के कोटे में ज्यादा सेलेक्ट हो रही हैं.
प्राइमरी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने माना है कि प्राथमिक और मध्य में टीइटी उम्मीदवारों की संख्या कम रही है. इसकी वजह से सर्वाधिक पद खाली हैं. दूसरी सबसे बड़ी वजह अभ्यर्थियों की एक से अधिक जगहों पर उम्मीदवारी है. अभ्यर्थी कंन्फ्यूज होने की स्थिति में पहुंच ही नहीं पा रहे हैं.
Posted by Ashish Jha