शिक्षक नियोजन : सबसे अधिक पद खाली रह जाने वाले जिले की हो रही पड़ताल

प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए आयोजित की गयी दो चरणों की काउंसेलिंग पूरी हो चुकी है. देखा गया है कि करीब 30 से 35 फीसदी पद रिक्त रह गये हैं. कई जिले ऐसे भी हैं , जहां रिक्तियां 50 फीसदी से भी अधिक हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2021 12:25 PM

पटना. प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए आयोजित की गयी दो चरणों की काउंसेलिंग पूरी हो चुकी है. देखा गया है कि करीब 30 से 35 फीसदी पद रिक्त रह गये हैं. कई जिले ऐसे भी हैं , जहां रिक्तियां 50 फीसदी से भी अधिक हैं.

शिक्षा विभाग काउंसेलिंग के दौरान काफी संख्या में पद रिक्त रह जाने से हैरान है. विभाग इसलिए भी परेशान है कि उनकी जरूरत के मद्देनजर शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं. फिलहाल पद रिक्त क्यों कम रह गये, इसकी पड़ताल करने के लिए उसने विशेषज्ञ अफसरों को फील्ड में भेजा है.

चार जिलों में भेजे गये हैं अधिकारी, ये काउंसेलिंग के दौरान आयी शिकायतों का स्वरूप भी जानेंगे: मुख्यालय में पदस्थ दो डिप्टी डायरेक्टर प्रभात कुमार पंकज और रूपेंद्र कुमार सिंह को उन चार जिलों पश्चिमी चंपारण (मोतिहारी), दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर भेजा गया है, जहां सर्वाधिक रिक्तियां रह गयी हैं.

यह जिले बतौर सैंपल छांटे गये हैं. दोनों अफसरों के साथ सहयोगी भी भेजे गये हैं. इन अफसरों को रिक्तियों की वजह जानने के अलावा काउंसेलिंग के दौरान आयी शिकायतों का स्वरूप भी जानना है ताकि विभाग को उचित निर्णय लेने में मदद मिल सके.

विभागीय सूत्रों के मुताबिक सर्वाधिक रिक्तियां दरभंगा में देखी गयी हैं. यहां कुल 3675 रिक्तियों में से केवल 1874 पद ही भरे जा सके. वहीं, मधुबनी जिले में 787 में केवल 438 पद भरे जा सके. मुजफ्फरपुर में 480 में 180 और मोतिहारी में 337 में से 136 पद ही भरे जा सके हैं.

Posted by Ashish Jha

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