बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों को मिला पप्पू यादव का साथ, डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर देंगे धरना
पप्पू यादव ने कहा कि डोमिसाइल नीति को लागू किये जाने की मांग को लेकर जनाधिकार पार्टी राज्यभर में पांच जुलाई को धरना देगी. साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा बहाली में पूरी तरह से डोमिसाइल लागू हो.
जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने रविवार को कहा है कि बिहार में शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति को खत्म किया जाये. सीटेट-बीटेट परीक्षा के बाद बीपीएससी द्वारा परीक्षा लेना भी गलत है. उन्होंने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में मैथ और साइंस के शिक्षक नहीं मिलते हैं. पप्पू यादव ने कहा कि इस तरह का बयान देकर उन्होंने बिहारी युवाओं का अपमान किया है बिहार की प्रतिभा का दुनिया लोहा मानती है.
पांच जुलाई को धरना
पप्पू यादव ने कहा कि 10 फीसदी सीटों को सरकार अन्य राज्यों के अभ्यर्थी के लिए रख सकती है, उसमें उनकी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है. किसी भी परिस्थिति में 90 फीसदी सीटें राज्य के छात्रों के लिए रिजर्व रहे, इस पर हमारी पार्टी कोई समझौता नहीं करेगी. यादव ने कहा कि डोमिसाइल नीति को लागू किये जाने की मांग को लेकर जनाधिकार पार्टी राज्यभर में पांच जुलाई को धरना देगी. साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा बहाली में पूर्णत: डोमिसाइल लागू हो.
सरकार ने शिक्षक नियमावली को उलझाया: माले
इधर, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सरकार ने खुद ही शिक्षक नियमावली को उलझा दिया है, जिसके कारण कई तरह की आशंकाएं उत्पन्न हो गयी हैं. उसके बाद शिक्षक अभ्यर्थियों पर शनिवार को बर्बर लाठीचार्ज भी किया गया. महागठबंधन की सरकार इस प्रकार से दमन का रास्ता नहीं अपना सकती. माले शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा करती है.
Also Read: बिहार के स्कूलों में गर्मी की छुट्टी के बाद आज से बजेगी घंटी, शुरू होगा नियमित निरीक्षण
वार्ता का रास्ता अपनाये सरकार : माले
कुणाल ने कहा कि शिक्षक नियमावली शुरू से ही विवादित है. शिक्षक संगठन और शिक्षक अभ्यर्थी परीक्षा का लगातार विरोध कर रहे हैं. हमने सरकार से उनकी मांगों को गंभीरता से सुनने व परीक्षा पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार उलटे डोमिसाइल नीति को ही खत्म कर बैठी. इससे शिक्षकों व शिक्षक अभ्यर्थियों का आक्रोशित होना स्वाभाविक ही है. हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि दमन की बजाए वार्ता का रास्ता अपनाये.