2022 के राजकीय शिक्षक सम्मान में चयनित 12 शिक्षक व 8 शिक्षिकाओं में पश्चिम चंपारण की दो शिक्षिकाओं को जगह मिली है. इसमें बेहद सुखद यह है कि राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित सुश्री मेरी एडलिन और सुश्री डॉ. रहमत यास्मीन ने अपने विद्यालय और विद्यार्थियों को ही अपना परिवार मानकर आगे के जीवन का निश्चय किया है. दोनों की एक अनेक समानताएं भी हैं. दोनों ही 2006 बैच की शिक्षिका हैं और दोनों अल्पसंख्यक समुदाय से आतीं हैं.
जिले चुहड़ी में जन्मी मेरी एडलिन संस्कृत की प्रकांड तो नगर के नाजनीन चौक पर जन्मी डॉ. रहमत यास्मीन प्राणी शास्त्र की दक्षत्तम हैं. कोरोना काल के बाद ऑनलाइन एजुकेशन के उन्नयन बिहार अभियान में दोनों की समानरूप से महत्वपूर्ण सहभागिता है. मेरी एडलिन अपने जीवन का आदर्श अपने रिटायर शिक्षक पिता को आदर्श मानते हुये यह सम्मान अपनी स्वर्गीय मां कार्नेट डेनिस को समर्पित करतीं हैं. वही सहकारी प्रोजेक्ट बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय पटखौली, बगहा-2 की शिक्षिका डॉ.यास्मीन मेडिकल ऑफिसर रहे अपने स्व. पिता डॉ. रहमतुल्लाह और मां स्वर्गीया समीमा खातून को निवेदित करतीं हैं.
राजकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कुमारबाग में पदस्थापित एडलिन एक सफल शिक्षिका के अतिरिक्त विशुद्ध समाजसेवी हैं. जिन्होंने नारी/किशोरी सशक्तिकरण, माहवारी स्वास्थ्य, साक्षरता आंदोलन के साथ नशामुक्त समाज के निर्माण में भी एक श्रेष्ठ अभियान दूत की तरह काम करतीं रहीं हैं. प्राणीशास्त्र की विद्वान शिक्षिका डॉ. रहमत यास्मीन राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस को आंदोलन बनाने की अभियान भी चला रहीं हैं. उनके विशेष मार्गदर्शन में उनके विद्यार्थी सारिक एहसान ने राष्ट्रीय स्तर पर गौरैया संरक्षण पश्चिम चंपारण का परचम लहराने का कीर्तिमान बनाया हैं. उसके अतिरिक्त सुश्री डॉ. यास्मीन के निर्देशन में तैयार डेढ़ दर्जन प्रोजेक्ट ने राज्य स्तर पर पुरस्कार बटोरे हैं. डीएम कुंदन कुमार व डीइओ रजनीकांत प्रवीण ने दोनों सम्मानित शिक्षिकाओं को बधाई दी है.