बिहार के सरकारी शिक्षकों के दशहरे की छुट्टी पर शिक्षा विभाग द्वारा कैंची चला दी गई है. विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार दुर्गा पूजा के दौरान 16 से 21 अक्टूबर तक शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग होगी. ऐसे में इस नए आदेश को लेकर विपक्ष के साथ ही बिहार के शिक्षक संगठन भड़क गए हैं. शिक्षक संघ ने इस फैसले का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि नवरात्र के दौरान हिंदू धर्म को मानने वाले कई शिक्षक उपवास करते हैं, ऐसे में प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखना सही नहीं है. इस फैसले से धार्मिक मान्यताएं आहत हुई है.
एससीइआरटी ने जारी किया ट्रेनिंग का नया शेड्यूल
15 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहा है. ऐसे में राज्य के सरकारी स्कूलों में दुर्गा पूजा का अवकाश पहले से ही घोषित है. इसी बीच शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) ने शिक्षकों की प्रशिक्षण तिथि में बदलाव करते हुए एक पत्र जारी किया है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दुर्गापूजा में भी होगा. पहले इसकी शुरुआत 15 से 20 अक्टूबर तक होनी थी, लेकिन परिषद ने अब इसमें संशोधन करते हुए एक नया शेड्यूल जारी किया है. जिसके अनुसार अब 16 से 21 अक्टूबर तक ट्रेनिंग निर्धारित की गई है.
ट्रेनिंग में 14 हजार शिक्षकों को होना है शामिल
शिक्षकों की यह आवासीय ट्रेनिंग आईपीआरडी की ओर से आयोजित की जाएगी. इस प्रशिक्षण में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाध्यापक के अलावा सभी सीटीइ, डायट, पीटीइसी, प्रशिक्षण कॉलेजों के लगभग 14 हजार शिक्षकों को शामिल होना है.
शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिक्षकों की ट्रेनिंग को लेकर जारी इस आदेश पर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा है कि हिंदू धर्म के शिक्षक नवरात्रि के दौरान उपवास व फलाहार पर रहकर मां दुर्गा की पूजा करते हैं. ऐसे में दुर्गा पूजा की छुट्टी में आवासीय प्रशिक्षण का आदेश कहीं से भी उचित नहीं है. आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखना ही है तो दुर्गा पूजा के बाद इसको कराया जाए. उन्होंने कहा कि नवरात्र करने वाले शिक्षक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. लेकिन सरकार इसके बावजूद अगर इस कार्यक्रम को चलाने पर आतुर है तो शिक्षक संगठन इसका विरोध करते हुए आंदोलन की ओर रुख करेगा.
विजय सिन्हा भी कूदे शिक्षकों के युद्ध में
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने दुर्गा पूजा अवधि में 16 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक शिक्षकों की ट्रेनिंग के निर्णय को लेकर शिक्षा मंत्री पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विभागीय खामियों को छुपाने के लिए लिए ये रोज नया-नया प्रयोग कर रहे हैं. श्री सिन्हा ने कहा कि शिक्षा मंत्री के सनातन धर्म विरोधी वक्तव्यों और धर्म ग्रंथों की लगातार निंदा के बाद से ही स्पष्ट हो गया था कि ये वोट के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण के एजेंडा पर काम कर रहे हैं. लेकिन अब सनातन के संतानों को तुगलकी फरमानों के जरिए नीचा दिखाने की इनकी नीयत खतरनाक और अलोकतांत्रिक है. राज्य की जनता अवगत है कि रक्षाबंधन त्योहार के समय विद्यालयों की छुट्टी रद्द कर दी गयी थी. श्री सिन्हा ने कहा कि विभागीय कमियों को दूर करने हेतु मंत्री को गंभीर होना चाहिए. उन्हें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि शिक्षा विभाग उनसे छीना जा रहा है.
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शिक्षा विभाग के आदेश में क्या लिखा?
शिक्षा विभाग की ओर से ट्रेनिंग से संबंधित जो आदेश जारी हुआ है उसमें लिखा है कि राज्य के सभी स्तर के 6 दिवसीय प्रशिक्षण का दिनांक 15 अक्टूबर 2023 से 20 अक्टूबर 2023 तक सभी जिलों और सभी अध्यापक शिक्षा संस्थान में आयोजित किया जाना है. जिसका पत्र निर्गत किया जा चुका है. उक्त प्रशिक्षण दिनांक 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर 2023 को संशोधित करते हुए दिनांक 16 अक्टूबर 2023 से 21 अक्टूबर 2023 तक आयोजित किया जाए.
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