शेखपुरा के स्कूल में अनुपस्थित रहने पर छात्र को करायी 300 बार उठक बैठक, चार दिनों से बच्चा पड़ा है बेहोश
प्राथमिक विद्यालय, मलीलचक में छठे वर्ग के छात्र को एक दिन अनुपस्थित होने पर शिक्षिका ने 300 बार उठक-बैठक करने की सजा दे दी. शिक्षिका के डर से बच्चा उठक-बैठक करते-करते बेहोश हो गया. घटना बुधवार की बतायी जा रही है. उसी दिन से बच्चा बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती है.
बरबीघा. प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय, मलीलचक में छठे वर्ग के छात्र को एक दिन अनुपस्थित होने पर शिक्षिका ने 300 बार उठक-बैठक करने की सजा दे दी. शिक्षिका के डर से बच्चा उठक-बैठक करते-करते बेहोश हो गया. घटना बुधवार की बतायी जा रही है. उसी दिन से बच्चा बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती है.
शिक्षिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
इस घटना को लेकर रविवार को शिक्षिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बरबीघा थाने में आवेदन दिया गया है. बच्चे के पिता संजीत राम ने बताया कि बुधवार को घरेलू कारणों से उसका पुत्र रोशन कुमार विद्यालय नहीं गया था. गुरुवार को जब वह पुनः विद्यालय पहुंचा, तो अनुपस्थिति को लेकर शिक्षिका सीता देवी ने सजा के तौर पर उसे तीन सौ बार उठक-बैठक करने का फरमान सुना दिया. शिक्षिका की डर से छात्र दो सौ बार उठक-बैठक करते-करते बेहोश होकर गिर गया. बच्चे के बेहोश होते ही स्कूल में अफरा-तफरी मच गयी.
छात्र को अपने कंधे पर उठाकर घर पर ले जाकर छोड़ दिया
स्थिति को भांपते हुए विद्यालय के ही शिक्षक सुबोध पांडे ने छात्र को अपने कंधे पर उठाकर घर पर ले जाकर छोड़ दिया. उस समय बच्चे के माता-पिता खेत में काम करने गये थे. सूचना मिलतेही वे तुरंत घर पहुंचे. जब छात्र के परिजन विद्यालय पहुंचकर हंगामा करनेलगे, तो शिक्षिका सीता देवी ने इलाज करवाने की बात कह उसे एक स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक के यहां भर्ती करा दिया. जब छात्र की स्थिति बिगड़ गयी, तो उसे बरबीघा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत गंभीर है. पीड़ित पिता ने बताया कि बच्चे को होश तो आता है, लेकिन पांच-दस मिनट के बाद फिर से बेहोश हो जाता है.
विद्यालय खुलते ही मामले की जांच की जायेगी
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षिका ने छात्र का नाम स्कूल से काट देने की धमकी दी है. इस संबंध में बरबीघा थाना अध्यक्ष सुनील दत्त ने बताया कि सोमवार को विद्यालय खुलते ही मामले की जांच की जायेगी. डीइओ ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि मामला सही होने पर दोषी शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इलाज कर रहेनिजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ आनंद कुमार ने बताया कि बच्चे के शरीर में खिंचाव पैदा होने सेवह काफी कमजोर हो गया है. बच्चा भयभीत है. बच्चे का समय पर इलाज शुरू नहीं होता, तो जान भी जा सकती थी.