16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में एक शिक्षक नौ वर्षों तक ले रहा था दो संस्थाओं से वेतन, उजागर हुआ मामला तो दर्ज हुई प्राथमिकी

शहर के एमलडीपीके यादव महाविद्यालय के प्रोफसर इंदू भूषण यादव पर एक ही समय में दो संस्थाओं से वेतन लेने का आरोप लगा है. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो इंदू कुमार सिन्हा के आवेदन पर नगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

अररिया. शहर के एमलडीपीके यादव महाविद्यालय के प्रोफसर इंदू भूषण यादव पर एक ही समय में दो संस्थाओं से वेतन लेने का आरोप लगा है. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो इंदू कुमार सिन्हा के आवेदन पर नगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में कहा गया है कि प्रो इंदू भूषण यादव ने एक ही अवधि में कॉलेज और स्कूल दोनों जगहों पर कार्यरत होकर दोनों संस्थानों से वेतनादि जैसा आर्थिक लाभ लिया है. प्रो इंदू भूषण 26 नवंबर 2007 से 02 दिसंबर 2016 तक स्कूल और कॉलेज दोनों संस्थानों में कार्यरत रहे. इस अवधि में उन्होंने दोनों संस्थानों से अपना वेतन भी लिया है. इस मामले में नगर थाना अध्यक्ष शिवसरण साह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. आवेदन भी दिया गया है. इनके विरूद्ध थाने में कांड संख्या 516/2023 के तहत मामला दर्ज़ कर लिया गया है. अनुसंधान जारी है. कार्रवाई की जायेगी.

प्रोफेसर की नौकरी छोड़े बिना बन गये शिक्षक

प्राथमिकी में कहा गया है कि शहर के काली बाजार वार्ड संख्या 14 निवासी डॉ इंदू भूषण, पिता प्रो कमल नारायण यादव एमलडीपीके यादव महाविद्यालय में इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक के पद पर 16 जनवरी 2007 से नियुक्त हैं. प्रोफेसर इंदू भूषण महाविद्यालय से बिना त्यागपत्र दिये ही 26 नवंबर, 2007 को नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय खाब्दाह मेहता टोला में योगदान कर लिया. पिछले दिनों जांच के दौरान बीइओ को इस बात की भनक लगी. जांच में पता चला कि 26 नवंबर 2007 से 02 दिसंबर 2016 तक प्रो इंदू भूषण दोनों संस्थाओं में कार्यरत रहे. 02 दिसंबर 2016 में निजी कारणों से प्रो इंदू भूषण ने विद्यालय शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया. लेकिन इस अवधि में वे दोनों संस्थानों से अपना वेतन भी लिया है.

प्राचार्य ने बताया धोखाधड़ी

कॉलेज के प्राचार्य इंदू कुमार सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रो इंदू भूषण ने जो किया वो न केवल धोखाधड़ी है बल्कि यह तो गैरकानूनी है. प्रचार्य ने कहा कि मामले को लेकर जब भी उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया, तो उन्होंने अपने पिता प्रो कमल नारायण यादव का धौंस दिखा कर स्पष्टीकरण का जबाव नहीं दिये. बार-बार उन्होंने यही कहा कि उनका कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला है. हम तीन जगह नौकरी करें इससे कॉलेज प्रबंधन को क्या मतलब. जब विभाग चुप है तो कॉलेज प्रबंधन को क्या परेशानी है. प्राचार्य ने कहा कि जब भी सहायक प्राध्यापक डॉ इंदू भूषण को कॉलेज से हटाने की बात होती है, कुछ न कुछ मामला खड़ा कर शांत करा दिया जाता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें