बिहार: शिक्षकों को नीतीश सरकार का तोहफा, नयी नियुक्ति में मिलेगा वेतन संरक्षण का लाभ
बिहार में अगस्त 2020 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षकों को अब पूर्व की सेवा के आधार पर ही वेतनमान का निर्धारण किया जायेगा. नयी नियुक्ति में उनके पुराने वेतनमान को भी ध्यान में रखा जायेगा.
बिहार में नियोजित शिक्षकों की नयी नियुक्ति में सरकार वेतन संरक्षण का लाभ देगी. यह लाभ 20 अगस्त, 2020 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षकों को मिलेगी. वर्तमान नियोजन इकाई अथवा किसी अन्य नियोजन इकाई में उच्च कोटि के पद पर नियोजन होने की स्थिति में सेवा निरंतरता का लाभ देते हुए वेतन संरक्षण का लाभ मिलेगा. अगस्त 2020 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षकों को अब पूर्व की सेवा के आधार पर ही वेतनमान का निर्धारण किया जायेगा. नयी नियुक्ति में उनके पुराने वेतनमान को भी ध्यान में रखा जायेगा. इसके मुताबिक कोई भी नियोजित शिक्षक यदि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में पास होकर अध्यापक बनता है तो उसकी न्यूनतम वेतन राशि जितना एक नियोजित शिक्षक के रूप में उसे मिलती है, उससे कम नहीं होगी.
20 अगस्त, 2020 के बाद नियुक्त होने पर वेतन संरक्षण का लाभ मिलेगा
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि पंचायती राज एवं नगर निकायों में तहत प्रारंभिक शिक्षकों को माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर बिहार जिला परिषद माध्यमिकि एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 और बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त ) नियमावली 2020 के प्रभावी होने की तिथि से अर्थात 20 अगस्त, 2020 के बाद नियुक्त होने पर सेवा निरंतरता का लाभ मात्र वेतन संरक्षण का लाभ मिलेगा. इसका लाभ बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त होने वाले शिक्षकों को मिलेगा.
स्वास्थ्य सेवा नियमावली 2023 को स्वीकृति
कैबिनेट ने बिहार स्वास्थ्य सेवा (नियुक्ति एवं सेवा शर्त )(संशोधन) नियमावली 2023 को स्वीकृति दे दी. इस नियमावली में नये वेतनमान के समय में पुराने अनुभव को सेवा में जोड़ा जा सकता है. स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सकों को वेतनस्तर की स्वीकृति के समय अनुभव के लाभ का भी प्रावधान हो जायेगा.
शिवहर जिला में कन्या आवासीय प्लस टू स्कूल की स्वीकृति
कैबिनेट ने शिवहर जिला में 520 आसन वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी है. कैबिनेट ने इस विद्यालय के निर्माण के लिए कुल 48 करोड़ 95 लाख 80 हजार की स्वीकृति दी गयी. इससे पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के कुल 520 प्रतिभावान छात्राओं को कक्षा छह से 12 तक मुफ्त आवास सहित शिक्षा दी जायेगी.
टैक्स डिफॉल्टर निबंधित वाहन मालिकों को बड़ी राहत
राज्य में निबंधित परिवहन, गैर परिवहन वाहन, ट्रैक्टर-ट्रेलर और इलेक्ट्रिकल वाहन के मालिकों को टैक्स डिफॉल्टर होने पर सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब ऐसे सभी टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को छह माह के अंदर एकमुश्त भुगतान कर उसके ऊपर लगने वाले अर्थदंड से मुक्ति मिलेगी. वाहन मालिक सर्वक्षमा स्कीम का लाभ उठा सकते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में सरकार ने ऐसे टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को बकाया पथकर, हरित कर का एकमुश्त दंड राशि जमा करने का अवसर दिया है. कैबिनेट में 10 प्रस्तावों की मंजूरी दी गयी.
मूल टैक्स के साथ 30% जुर्माना देकर सेटलमेंट करवा सकेंगे डिफॉल्टर वाहन मालिक
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ ने बताया कि टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिक अपने मूल टैक्स के साथ 30% अर्थदंड का भुगतान कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस मामले में बहुत से वाहन मालिकों ने क्लेम और काउंटर क्लेम फाइल किया है. कुछ पर सर्टिफिकेट केस हैं. अब वे एकमुश्त भुगतान कर छुटकारा पा सकते हैं. उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रेलर मालिक 30 हजार रुपये एकमुश्त जमा कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. शेष सभी गाड़ियों पर मूल टैक्स और उस पर 30% अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना होगा.
गंगा जलापूर्ति योजना में नवादा भी शामिल
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जल जीवन हरियाली के तहत गंगा जलापूर्ति योजना को गया, बोधगया और राजगीर शहरों की घरेलू जल के उपयोग की मांग, आपूर्ति और वितरण के लिए की गयी है. इससे भूगर्भ जलस्तर में हो रही गिरावट में सुधार होगी और वनस्पति व जीव जन्तु भी लाभान्वित होंगे. योजना के तहत फिलहाल राजगीर, गया और बोधगया शहरों में जलापूर्ति शुरू है. इस मूल योजना में ही नवादा शहर में जल वितरण कार्य का प्रावधान किया गया है. योजना की पुनरीक्षित राशि 4515 करोड़ 17 लाख की गयी है. नवादा की योजना को शामिल करने से 340.89 करोड़ की वृद्धि हुई है.
चौथे कृषि रोडमैप में परंपरागत खेती व मोटे अनाज को लेकर राशि आवंटित
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चौथे कृषि रोड मैप के तहत परंपरागत खेती के विकास के तहत 700 क्लस्टर के 14 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती में उर्वरता प्रबंधन के लिए कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट, हरित खाद और जैव उर्वरता का प्रयोग किया जाता है. कीट और रोगों के प्रबंधन के लिए बायोपेस्टिसाइड का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 30 करोड़ 16 लाख की स्वीकृति कैबिनेट ने दे दी. यह योजना राज्य के 12 जिलों बेगूसराय, पटना, समस्तीपुर, बक्सर, सारण, कटिहार, भोजपुर, भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, वैशाली और लखीसराय में गंगा किनारे अवस्थित पंचायतों में कार्यान्वित की जा रही है.
हैदराबाद की एजेंसी करेगी मोटे अनाज वाले जिलों की पहचान
हैदराबाद की अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकंटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (आइसीआरआइएसएटी) कम वर्षा की स्थिति में मोटे अनाज वाले जिलों की पहचान करेगी. किस जिले में किस फसल की खेती होगी इसकी भी जानकारी देगी. साथ ही मोटे अनाजों के प्रॉसेसिंग, महिला किसानों का प्रशिक्षण , बीज सुधार और वैल्यू एडिशन में सहयोग करेगी. राज्य में पोषक अनाज के मूल्य शृंखला का विकास करने के लिए गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड में राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र, मायापुर में मिलेट्स एवं मूल्य शृंखला के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की स्वीकृति दी गयी है.