बिहार के स्कूलों में बेहतर शिक्षा और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब विभाग ने राज्य के सरकारी स्कूलों में प्राचार्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए नई व्यवस्था लाने का निर्णय लिया है. जिसके तहत अब मध्य विद्यालय में पदस्थापित स्नातकोत्तर योग्यता धारी स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक को अपने ही वेतनमान पर प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित किया जाएगा. यह नियुक्ति पूर्णकालिक होगी. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया हैं. नई व्यवस्था लागू करने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. आदेश में मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को 10 सितंबर तक भरने को कहा गया है.
अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित होंगे शिक्षक
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि स्नातकोत्तर योग्यताधारी स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक की अनुपलब्धता होने की स्थिति में स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक को अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक के पद पर पूर्णकालिक रूप में नियुक्त किया जाये. इसके बाद स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक के रिक्त हुए पदों पर प्राथमिक या मध्य विद्यालय में मूल कोटि के पद पर पदस्थापित स्नातक योग्यताधारी सहायक शिक्षकों को अपने ही वेतनमान पर मध्य स्कूल के स्नातक (प्रशिक्षित) के पद पर पूर्णकालिक रूप में पदस्थापित किया जाये.
अपने ही वेतनमान में होगा शिक्षकों का पदस्थापन
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जिलों में प्रधानाध्यापक एवं स्नातक (प्रशिक्षित) वेतनमान के पद पर प्रोन्नति देने के लिए वरीयता सूची उपलब्ध होगी. जिसे ध्यान में रख कर अपने ही वेतनमान में स्नातक प्रशिक्षित एवं मूल कोटि के शिक्षकों का पदस्थापन किया जाएगा. वहीं प्रधानाध्यापक एवं स्नातक (प्रशिक्षित) वेतनमान के लिए वरीयता सूची नहीं रहने अथवा उपलब्ध रिक्त पद से कम रहने की स्थिति में उसका निर्माण पहले के निर्धारित मापदंड के अनुरूप किया जा सकता है.
दिव्यांग एवं महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी जायेगी
वरीयता सूची के आधार पर मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं स्नातक (प्रशिक्षित) वेतनमान के रिक्त पद पर वरीयता को ध्यान में रख कर अपने ही वेतनमान में क्रमश: स्नातक (प्रशिक्षित) एवं मूल कोटि के शिक्षक का पदस्थापन किया जायेगा. पदस्थापन के क्रम में दिव्यांग एवं महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी जायेगी. पद स्थापन के फल स्वरूप कोई वित्तीय अथवा अन्य दावा मान्य नहीं किया जायेगा.
क्यों लिया गया ये फैसला…
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने आदेश में कहा कि प्रारंभिक विद्यालयों में जिला संवर्ग के तीनों पद मूल कोटि, स्नातक प्रशिक्षित कोटि एवं प्रधानाध्यापक कोटि के हैं. इसमें मूल कोटि के पद सीधी नियुक्ति से भरे जाने थे. स्नातक प्रशिक्षित और प्रधानाध्यापकों के पद प्रोन्नति से भरे जाने थे. जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक न होने से इनसे संबंधित कई पद रिक्त हैं. इससे स्कूलों के प्रबंधन में दिक्कत आ रही है. मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की भी कमी है. इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.
10 और 20 सितंबर तक किया जायेगा पदस्थापन
मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के रिक्त पद पर कार्यरत स्नातक (प्रशिक्षित) कोटि के शिक्षकों का पदस्थापन 10 सितंबर तक करना है. इसके बाद स्नातक (प्रशिक्षित) कोटि के रिक्त पद पर मूल कोटि के कार्यरत शिक्षकों का पदस्थापन 20 सितंबर तक किया जाना है. सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से प्रोन्नति के लिए भविष्य में लिये जाने वाले निर्णय के फलाफल से यह व्यवस्था प्रभावित होगी. इस आदेश का पालन संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी करेंगे.
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