बिहार में नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के खिलाफ फूटा शिक्षकों का गुस्सा, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जब शिक्षकों के हक, जैसे वेतन बढ़ोतरी या फिर प्रोमोशन की बात होती है तो सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है.
बिहार में करीब पौने दो लाख शिक्षकों का नियोजन होना है. नयी नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है और अब सरकार ने वेतनमान भी तय कर दिया है, लेकिन बिहार में नियोजित शिक्षक संघ इससे संतुष्ट नहीं है. नयी नियमावली के विरोध में टीइटी – एसटीइटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे नियोजित शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने नई नियमावली को टीईटी समेत सभी शिक्षकों के साथ धोखा बताया.
गुस्से में दिखे शिक्षक
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जब शिक्षकों के हक, जैसे वेतन बढ़ोतरी या फिर प्रोमोशन की बात होती है तो सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है. शिक्षकों ने कहा कि 2006 में आठ साल पर स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति देने की बात थी परंतु जब समय आया तो सरकार ने अपना पल्ला झाड लिया और नयी नियमावली ला दी गयी.
शिक्षक नहीं देना चाहते एक और परीक्षा
शिक्षकों का कहना था कि अपने परीक्षा पास कर ली है, हमें बस नियुक्ति पत्र चाहिए था लेकिन शिक्षा मंत्री ने नयी नियमावली ला दी. जिसके तहत अब फिर से एक और परीक्षा देनी होगी. शिक्षकों ने कहा कि वो कभी नए नियमों को स्वीकार नहीं करेंगे और इसीलिए सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे हैं.
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पांच मई को पटना में होगा जुटान
प्रदेश भर के लगभग सभी जिला मुख्यालयों पर नियोजित शिक्षकों ने काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन किया. अब पांच मई को शिक्षकों का बड़ा जुटान पटना में होगा, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जायेगी. दूसरी ओर जहानाबाद के डीइओ की तरफ से शिक्षक नेताओं पर की गयी कार्रवाई को संघ ने गलत बताया है और विभाग से डीइओ को लेकर संज्ञान लेने को कहा है.