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केके पाठक का नया फरमान, हर दिन शिक्षकों की उपस्थिति की फोटो भेजेंगे निरीक्षण अधिकारी

स्कूल निरीक्षण के लिए जाने वाले पदाधिकारी या कर्मी अटेंडेंस रजिस्टर पर शिक्षकों का हस्ताक्षर तो लेंगे ही. साथ ही अब नोट कैम एप से उपस्थिति पंजी का फोटो खिंचकर जिला मुख्यालय में बने कमांड कंट्रोल सेंटर में भेजेंगे

बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के निरीक्षण में और सख्ती बढ़ा दी है. अब विद्यालय के निरीक्षण के लिए जाने वाले पदाधिकारी या कर्मी अटेंडेंस रजिस्टर पर शिक्षकों का हस्ताक्षर तो लेंगे ही. साथ ही अब नोट कैम एप से उपस्थिति पंजी का फोटो खिंचकर जिला मुख्यालय में बने कमांड कंट्रोल सेंटर में भेजेंगे, जहां से इस फोटो को राज्य मुख्यालय में भेजा जाएगा. इसको लेकर केके पाठक के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने एक आदेश जारी किया है.

अनुपस्थित शिक्षकों का काटा जा रहा वेतन

जारी आदेश में निदेशक ने कहा है कि विद्यालय समय से खुले तथा शिक्षक व बच्चे समय पर आए, इसके लिए प्रखंड स्तर के लेकर राज्य स्तर तक के पदाधिकारी लगातार विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं. इसकी समीक्षा भी प्रतिदिन की जा रही है. जिन विद्यालयों में शिक्षक अनुपस्थित पाए जा रहे हैं, उन शिक्षकों की वेतन कटौती की जा रही है.

स्कूलों में बढ़ी उपस्थिति

आदेश में कहा गया है कि लगातार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है. इससे स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ रही है तथा शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार भी हो रहा है. अब निरीक्षण् को जाने वाले पदाधिकारी या कर्मी निरीक्षक शिक्षकों की उपस्थिति, उपस्थिति पंजीकृत दर्ज करेंगे ही. इसके अलावे नोट कैम एप्प के माध्यम से फोटो खींचकर सीधा जिला कार्यालय को भेजेंगे.

सरकारी स्कूलों में लगेगा शिक्षकों का नाम और फोटो वाला फ्लैक्स

सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की सूची रंगीन फोटो के साथ फ्लैक्स पर तैयार की जायेगी. यह फ्लैक्स विद्यालयों में चिपकाया जायेगा, ताकि छात्र व अभिभावक शिक्षकों के बारे में आसानी से जानकारी कर सकें. निरीक्षण के लिए जाने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों को भी शिक्षकों की पहचान में दिक्कत न हो. इसके साथ ही सभी विद्यालयों में हर तीन महीने पर ब्लैकबोर्ड का कालीकरण कराने का भी निर्देश दिया गया है.शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही निर्देश जारी करते हुए सभी शिक्षकों का नाम और रंगीन फोटो के साथ विद्यालय में फ्लैक्स टांगने का निर्देश दिया गया था.

फर्जी शिक्षकों की होगी पहचान

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अनुशंसा के आधार पर राज्य के स्कूलों के लिए यह व्यवस्था लागू की गयी है. इसका मकसद स्कूलों में फर्जी शिक्षकों और प्रॉक्सी शिक्षकों की पहचान करना है. साथ ही जब अभिभावक विद्यालयों में पहुंचे तो शिक्षकों की तस्वीर देखकर उन्हें पहचान सके. अब बीपीएससी से शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद संशोधित फ्लैक्स लगाने के निर्देश दिये गये हैं. विद्यालयों में वैसे शिक्षक जिनका पदस्थापन बीपीएससी की ओर से किया गया है, उनके नाम के आगे बीपीएससी अंकित किया जायेगा.

इसको लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी जिलों के डीइओ और डीपीओ को निर्देश जारी किया गया है. परिषद की ओर से कहा गया है कि राज्य के सभी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों की रंगीन फोटो विद्यालय में चिपकानी है. स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आयी है कि अब तक अधिकांश विद्यालयों में यह सुनिश्चित नहीं किया जा सका है.

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