बिहार के शिक्षक नयी सेवा शर्तों पर आरपार की लड़ाई के मूड में, आंदोलन के लिए हो रहे एकजुट
बिहार के टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने कहा कि नयी नियमावली से न तो शिक्षक खुश हैं और न ही शिक्षक अभ्यर्थी. इस बार बिहार के शिक्षक पीछे हटने वाले नहीं है. एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज करेंगे.
पटना. बिहार के टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के राज्यव्यापी आह्वान पर बुधवार को जिला मुख्यालयों पर शिक्षकों ने प्रतिरोध कर काला दिवस मनाते हुए नियमावली की प्रति जला अपना विरोध दर्ज कराया. विरोध कर रहे शिक्षकों को पुलिस ने हटा दिया. नयी नियमावली की प्रति जला कर शिक्षक वापस चले गये. अब शिक्षकों के प्रदर्शन और आंदोलन की रूप रेखा 16 अप्रैल को तय होगी.
नियोजित शिक्षक एक बार फिर ठगे गये
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक, प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय व महासचिव शाकिर इमाम ने बताया की बिहार के तमाम नियोजित शिक्षक एक बार फिर ठगे गये हैं. सरकार ने वादा करते हुए अपने मेनिफेस्टो के प्रमुख मांगों में हमारी बातों को रखा था, लेकिन उसे लागू करना तो दूर वह हमारे अस्मिता के साथ ही खिलवाड़ करने को आमदा हो गयी है. नयी नियमावली से न तो शिक्षक खुश हैं और न ही शिक्षक अभ्यर्थी. इस बार बिहार के शिक्षक पीछे हटने वाले नहीं है. एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज करेंगे.
आने वाले दिनों में जोरदार संघर्ष देखने को मिलेगा
संगठन ने कहा कि हम लोग सांकेतिक रूप से चेताना चाहते हैं कि हमारी बातों को सुना जाये और बिना किसी शर्त के सभी शिक्षकों को नयी नियमावली से अच्छादित किया जाये, अन्यथा यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है. आने वाले दिनों में इससे भी ज्यादा तीव्र और जोरदार संघर्ष देखने को मिलेगा. मौके पर प्रदेश सचिव संजीत पटेल, उपाध्यक्ष मुकेश राज, जयप्रकाश सिंह, कोषाध्यक्ष राहुल विकास ने भी अपनी बातों को रखा.
Also Read: बिहार में नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली से मिलेंगे प्रतिभावान शिक्षक, स्कूली शिक्षा होगी बेहतर
शिक्षकों ने पुतला फूंक जताया विरोध
पटना में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले भी बुधवार को बिहटा प्रखंड के बीआरसी के परिसर में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री का पुतला फूंक नयी शिक्षक नियमावली का विरोध जताया और नारेबाजी की. शिक्षक नीरज कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने नियोजन इकाई खत्म करने को कहा था, लेकिन सभी नियोजन इकाई को यथावत छोड़ दिया और नया संवर्ग बनाकर 20 वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों पर शासन करने के लिए नया षड्यंत्र रचा गया है. जो बिल्कुल गलत है.