पटना. बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के राज्यव्यापी आह्वान पर बिहार के नियोजित शिक्षक शनिवार को अपने- अपने विधायक, विधान परिषद का दरवाजा खटखटाते हुए बिना किसी शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग बिहार सरकार से की. शिक्षकों ने विधायक को न केवल ज्ञापन सुपुर्द किया, बल्कि उनसे इस मांग की पूर्ति के लिए समर्थन की भी मांग की.
दरअसल, जब से बिहार सरकार ने नयी अध्यापक नियमावली लायी है और पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को इससे अलग थलग रखा है, तब से ही शिक्षक आक्रोशित होकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के क्रम में ही पटना के अंदर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के यहां राघोपुर प्रखंड के टीइटी एसटीइटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष मनीष कुमार यादव के नेतृत्व में उनके आवास का घेराव किया. उप मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के लिए नियमावली में सकारात्मक संशोधन का आश्वासन दिया.
माले के विधायक गोपाल रविदास, भाजपा विधायक अरुण सिन्हा सहित अनेक विधायक के आवास पर उनके क्षेत्र के शिक्षक पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर उनका समर्थन मांगा. माले, राजद, भाजपा सहित विभिन्न पार्टियों के माननीय विधायकों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी घोषित करने की मांग का समर्थन किया और उसके अनुरूप अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में बदलाव का आग्रह किया है.
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मोर्चा के अध्यक्ष मंडल के सदस्य मार्कंडेय पाठक ने बताया की शिक्षकों की पुरानी मांग रही है कि राज्यकर्मी का दर्जा मिले लेकिन बिहार सरकार लगातार इसे नजरंदाज करती रही है. कार्यक्रम को सफल बनाने में शाकिर इमाम, अश्विनी पाण्डेय, प्रदीप राय, मनोज कुमार, मुकेश कुमार राज, रंजन कुमार गुप्ता, बच्चू कुमार, नीतेश कुमार, राजू सिंह, राहुल कुमार सिंह, प्रेमचंद्र सिन्हा, बच्चु कुमार, शिव विलास, संजीत भारती, राजेश कुमार, प्रीतिमाला, कुमारी अलका, आशुतोष कुमार राकेश के साथ अन्य लोग मौजूद थे.