केके पाठक के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा, करेंगे भूख हड़ताल, सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के खिलाफ बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन की घोषणा कर दी है. संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा कि राज्य के सभी कोटि के शिक्षक 20 जनवरी को गर्दनीबाग में मुंह पर काली पट्टी बांध कर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2024 8:32 PM

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने आदेशों और फरमानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. उनके सख्त निर्णयों की वजह से कई बार शिक्षकों का वेतन रोका गया है, साथ ही कई बार शिक्षक बर्खास्त भी किए गए हैं. ऐसे में केके पाठक के आदेशों को लेकर राज्य के शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. इसी कड़ी में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी केके पाठक के आदेश के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी है.

शिक्षक संघ ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र

शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर विरोध जताते हुए कहा है कि बार-बार अनुरोध के बाद शिक्षा हित में शिक्षकों के समस्याओं का अभी तक निदान नहीं किया जा सका है. संघ ने आपसे अनुरोध किया था कि शिक्षकों की मांगों को यदि 31 दिसंबर तक पूर्ण नहीं किया गया तो शिक्षक संगठन आंदोलन करने पर विवश होंगे. राज्य के सभी कोटि के शिक्षक 20 जनवरी को गर्दनीबाग में मुंह पर काली पट्टी बांध कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे और एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहेंगे.

शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आदेश को वापस लेने की मांग

मुख्यमंत्री को लिखी चिट्टी में शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आदेश को वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया आसान बनाने की मांग की है. वहीं शिक्षकों की सेवानिवृति की सीमा 62 साल करने की मांग को कहा है. राज्य के सभी शिक्षकों को संगठन से हुए पूर्व के समझौता के अनुरूप केंद्रीय वेतनमान दिया जाये. स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों के पूर्व की सेवा की वरीयता का लाभ दिया जाये.

10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों को छुट्टी नहीं

केके पाठक ने राज्य के सभी जिलों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों की छुट्टी लेने की प्रवृति पर रोक लगाएं. उन्होंने सरकारी, सहायता प्राप्त विद्यालयों व मदरसों में कार्यरत शिक्षको को कार्य दिवस के दिन कुल शिक्षकों के 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों को एक साथ छुट्टी नहीं दी जाने का निर्देश दिया.

अगर एक साथ 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षक विद्यालय या मदरसों से गायब मिलते हैं, तो संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व प्रधान मौलवी पर अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए निलंबन तक की कार्रवाई की जाए. इस संबंध में केके पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि वह एक साथ कई शिक्षकों की छुट्टी को स्वीकृति नहीं दे.

नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क के बारे में शिक्षकों को बताएं

केके पाठक की ओर से राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और उप विकास आयुक्तों को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि अपने-अपने जिले में स्थित सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों (डायट, पीटीईसी, सीटीई, बीवाईटी) में चल रहे शिक्षकों-प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण में नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन के बारे में भी बतायें. निर्देश में कहा गया है कि स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 प्रख्यापित है. लेकिन, इसकी तनिक भी जानकारी स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं को नहीं है.

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माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 8.35 घंटे की पढ़ाई का उल्लेख

के के पाठक ने कहा कि नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 के प्रावधानों में स्कूलों में एक वर्ष में 220 दिनों के कार्यदिवस का प्रावधान है. उसमें प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन 7.15 घंटे एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 8.35 घंटे की पढ़ाई का उल्लेख है. इसके लिए नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन में समय-सारणी भी दी गयी है.

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