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औरंगाबाद में 88 शिक्षकों ने एक साथ दिया इस्तीफा, अब नहीं करेंगे बीएलओ का काम

शनिवार को औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के 33 और कुटुंबा प्रखंड के 55 शिक्षकों ने बीएलओ के पद से सामूहिक इस्तीफा दिया है. शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के उस आदेश का हवाला देते हुए त्यागपत्र दिया जिसमें शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं करने को कहा गया था.

बिहार के औरंगाबाद जिले में एक साथ 88 शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया है. यह सभी शिक्षक विभिन्न बूथों पर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का कार्य कर रहे थे. जिले के ओबरा और कुटुंबा प्रखंड में बीएलओ का कार्य कर रहे शिक्षकों ने सामूहिक त्याग पत्र दिया है. शनिवार को सभी शिक्षक अपने प्रखंड के बीएलओ कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्याओं के प्रति ध्यान दिलाते हुए बीडीओ को इस्तीफा सौंप दिया. ओबरा प्रखंड के 33 और कुटुंबा प्रखंड के 55 शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है.

ओबरा प्रखंड के 33 शिक्षकों ने दिया इस्तीफा

शनिवार को ओबरा प्रखंड के 33 शिक्षकों ने प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. इस दौरान बीएलओ नंदू ठाकुर, मनोरंजन प्रसाद, रितेश कुमार, रवींद्र कुमार, शिवकुमार चौहान, नितेश कुमार हिमांशु, अशोक कुमार, रामकुमार, विनोद कुमार पासवान, अरविंद कुमार, अजीत कुमार, अभय कुमार सिंह आदि ने कहा कि उन लोगों ने बीडीओ को सामूहिक इस्तीफा से संबंधित पत्र सौंप दिया है.

शिक्षकों ने केके पाठक के आदेश का दिया हवाला

शिक्षकों ने पत्र के माध्यम से बताया है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा आदेश जारी किया गया था कि अब शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं करनी होगी. साथ ही साथ उनके द्वारा यह भी कहा गया कि शिक्षकों से कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य कार्यालय अवधि के बाद ही लिया जाना है जबकि सामान प्रशासन विभाग सरकार के अपर सचिव द्वारा साफ तौर पर आदेश जारी किया गया है कि कार्य से अधिक घंटे मानव को उनके क्षमता पर प्रतिकूल असर डालते हैं, जिसके कारण किसी भी कर्मी से कार्यालय अवधि के बाद कार्य लेने की मनाही है. उक्त सभी पत्रों के आलोक में शिक्षक बीएलओ कार्यालय अवधि के पहले एवं बाद में काम करने में असमर्थ हैं. बैठक के दौरान शिक्षक बीएलओ ने निर्णय लिया था कि वे बीएलओ कार्य से सामूहिक इस्तीफा देंगे.

बीएलओ से शोषण करा रही विभाग : शिक्षक संघ

इधर शिक्षक संघ के नेता संजय कुमार और विश्वजीत कुमार सिंह ने बताया कि विभाग बीएलओ से शोषण करा रही हैं. शिक्षा विभाग के प्रमुख द्वारा जो फरमान जारी किया गया है निश्चित रूप से वह लागू हो . साथ ही साथ नौ बजे से चार बजे तक सभी शिक्षक अपने विद्यालय जाते हैं लेकिन विद्यालय एवं बूथ की दूरी होने के कारण बीएलओ का कार्य करना संभव नहीं है .चुनाव आयोग द्वारा अभी तक बीएलओ को मोबाइल तथा मोबाइल का रिचार्ज भी उपलब्ध नहीं कराया गया. मामला जो हो इधर शिक्षक रहते हुए बीएलओ का कार्य कर रहे तमाम शिक्षक सामूहिक इस्तीफा देने के मूड में है और इसकी शुरूआत कुछ दिन पहले ही हो चुकी है. कई प्रखंडों के शिक्षक बीएलओ ने अपना इस्तीफा दिया है. इधर, ओबरा प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सामूहिक इस्तीफा से अनभिज्ञता जाहिर की है.

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कुटुंबा प्रखंड के 55 शिक्षकों ने बीएलओ कार्य से दिया सामूहिक त्यागपत्र

इधर विभागीय पत्र का हवाला देते हुए कुटुंबा प्रखंड के विभिन्न बूथों पर बीएलओ के कार्य कर रहे शिक्षकों ने भी शनिवार को सामूहिक रूप से अपना त्यागपत्र दे दिया है. विभिन्न बूथों पर बीएलओ का कार्य कर रहे तकरीबन 55 शिक्षकों ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अपना त्यागपत्र दिया. शिक्षकों ने इस संबंध में सहायक निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम कार्यालय में पत्र सौंपा है. शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा चार जुलाई को पत्रांक 1175 द्वारा पत्र जारी कर शिक्षकों से किसी भी तरह का गैर शैक्षणिक कार्य करने पर रोक लगाई गई है.

कुटुंबा प्रखंड के इन शिक्षकों ने दिया इस्तीफा

सामूहिक रूप से त्यागपत्र सौंपने वालों में शंभू ठाकुर, मारकंडे मेहता, गोपी प्रसाद, सुनील कुमार, प्रेम कुमार ठाकुर, संपूर्णानंद चौहान, मो आजाद आलम, कुमार विजेंद्र , नरेंद्र प्रसाद, दिनेश कुमार, संजय कुमार, दुर्गेश कुमार, ओमप्रकाश गुप्ता, मनोज कुमार सिंह, सुनील कुमार, महेंद्र कुमार राम, संजीव कुमार, ज्योति भूषण, विनय कुमार, नवल किशोर सिंह, रविकांत गुप्ता, अर्जुन राम, संतोष कुमार, दिनेश कुमार, अनुपम राजन, सुनील कुमार, उदय रजक, दुष्यंत कुमार चौधरी, योगेंद्र राठौर, गोपाल राम, रघुवंश मिश्रा, सुरेंद्र कुमार सिंह, महेंद्र चौधरी, सत्य प्रकाश, मनोज कुमार चौहान ,श्रीकांत कुमार सिंह आदि शामिल है.

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