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BPSC शिक्षकों की अब एप से होगी निगरानी, ट्रेनिंग के अनुसार पढ़ा रहे हैं या नहीं रखी जाएगी नजर

स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. यह भी सर्वे कराया जाएगा कि शिक्षक प्रशिक्षण के आधार पर कक्षा में पढ़ा रहे हैं या नहीं. इसके लिए नज एप की मदद ली जाएगी.

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) लगातार स्कूलों की व्यवस्था, शिक्षा में सुधार, शिक्षकों की सुविधाओं और अन्य संसाधनों को देखकर इसके समाधान की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की मॉनीटरिंग करने का फैसला लिया है. इसके लिए ‘नज एप’ तैयार किया जा रहा है. इस एप की मदद से बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से नियुक्त किए गए शिक्षकों की मॉनीटरिंग की जाएगी कि वो मिली ट्रेनिंग के अनुसार बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं. इस एप में मैसेजिंग और ट्रैकिंग की सुविधा भी होगी. जिससे शिक्षक कब स्कूल आए, कब लौटे ये सब कुछ विभाग के पदाधिकारियों को पता चल जाएगा.

एप के माध्यम से सर्वे भी होगा

दरअसल, राज्य के 81 अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्रों पर नवनियुक्त शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए दो सप्ताह की विशेष ट्रेनिंग दी गई है. स्कूल में शिक्षकों की तैनाती के बाद एप के माध्यम से ही सर्वे किया जाएगा कि वे दिए गए प्रशिक्षण के आधार पर शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे हैं या नहीं.

एप के लिए एससीआरटी तैयार कर रहा प्रश्न

एससीआरटी (राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, बिहार) द्वारा एप को फीड करने के लिए प्रश्न भी तैयार किए जा रहे हैं, जिनका जवाब स्कूल प्राचार्यों को एप के माध्यम से ही देना होगा. एप के माध्यम से शिक्षक अपना फीडबैक भी दे सकेंगे. ऐप में सुरक्षित मैसेजिंग, प्रोग्रेस ट्रैकर, ग्रुप लीड, लीडरबोर्ड और डिजिटल नोट्स की सुविधा भी उपलब्ध होगी.

निरीक्षण टीम भी देगी रिपोर्ट

एप के अलावा निरीक्षण टीम को स्कूलों में शिक्षकों के शिक्षण के स्तर को समझने के लिए कुछ प्रश्न भी दिए जाएंगे, जिसके आधार पर उन्हें एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. एससीईआरटी द्वारा तैयार किए जा रहे प्रश्नों का प्रारूप भी निरीक्षण टीम को भेजा जाएगा.

शिक्षक अपनी समस्या भी बता सकेंगे

नज एप के माध्यम से शिक्षक पढ़ाने के स्तर को समझने के साथ-साथ अपनी समस्याओं या शिक्षण में आने वाली कठिनाइयों के बारे में भी बता सकेंगे. यदि कोई मानक पूरा नहीं हो रहा है तो शिक्षकों को इसका कारण बताना होगा. शिक्षक ऐप में दिए गए सुरक्षित मैसेजिंग का उपयोग करके फीडबैक दे सकेंगे.

शिक्षकों पर नजर रखना होगा आसान

शिक्षक इस एप के लीडरबोर्ड और डिजिटल नोट्स का भी उपयोग कर पाएंगे. एप में दिए गए प्रोग्रेस ट्रैकर के जरिए शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के लिए यह सुनिश्चित करना भी आसान होगा कि शिक्षक बच्चों को तय मानकों के मुताबिक पढ़ा रहे हैं या नहीं.

संस्थान की ओर से तैयार किए जा रहे सवाल

एससीइआरटी के डायरेक्टर सज्जन आर. ने बताया है कि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराने को लेकर शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी गयी है. ट्रेनिंग के आधार पर शिक्षक क्लास में पढ़ा रहे हैं या नहीं, इसका सर्वे भी किया जाएगा. इसके लिए नज एप का सहारा लिया जाएगा. इसके लिए संस्थान की ओर से सवाल तैयार किये जा रहे हैं. इनके आधार पर सर्वे किया जाएगा. एप की मदद से शिक्षक अपनी ओर से भी फीडबैक दे सकेंगे.

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