बिहार कैबिनेट द्वारा सोमवार को बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली, 2023 को स्वीकृति दिये जाने के बाद से ही शिक्षक संगठनों में विरोध का स्वर तेज हो गया है. शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी दोनों के लिए छलावा बताया है. टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोप गुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक, प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय व प्रदेश महासचिव शाकिर इमाम ने बताया कि महागठबंधन ने विधानसभा चुनाव के वक्त वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह वेतनमान और सेवा शर्त देगी और आज जब वह सत्ता में आयी है, तो अपने वादे से मुकर रही है.
नियोजित शिक्षक संघ ने कहा कि सरकार की इस नीति के विरोध में बिहार के लाखों शिक्षक बुधवार को ब्लैक डे मनाते हुए जिला मुख्यालय पर प्रतिरोध मार्च निकाल नियमावली की प्रति को जलाकर अपना विरोध प्रकट करेंगे. अगर फिर भी सरकार नहीं मानी, तो बिहार के लाखों शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे. आगे की रणनीति के लिए 16 अप्रैल को पटना में सभी शिक्षक संगठनों की बैठक बुलायी गयी है.
अखिल भारतीय शिक्षा मंच के अध्यक्ष आलोक आजाद ने नयी शिक्षक नियमावली का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व से नियुक्त सभी नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी घोषित किया जाना चाहिए एवं राज्य कर्मी घोषित करने के लिए इनसे किसी भी तरह की कोई परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए.
बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने नियमावली पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग चार सालों से कर रहे थे, नियमावली के नाम पर शिक्षकों को सरकार ने ठगा है. नयी नियमावली के अनुसार शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा चयनित आयोग के माध्यम से फिर से परीक्षा देनी होगी.
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दीपांकर ने बताया कि शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण पहले से ही उतीर्ण हैं, बावजूद एक और परीक्षा की बात सिर्फ बहाली को बिलंब करने के लिए लिया जा रहा है. अचानक से चयन प्रक्रिया में बदलाव से लाखों शिक्षक अभ्यर्थी परेशान हैं. संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नितेश पांडेय तथा अनीश सिंह ने बताया कि सरकार नयी नियमावली को तुरंत वापस लें वरना लाखों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर आंदोलन करेंगें.
राज्य स्तरीय स्नातकोत्तर प्लस टू शिक्षक के प्रदेश महासचिव डॉ कृतन्जय चौधरी ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है. चौधरी ने शिक्षक नियमावली 2023 पर आपत्ती एवं आंदोलन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री को एक सप्ताह में निर्णय लेने की गुहार लगायी है.