बिहार के नियोजित शिक्षक बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. इसको लेकर बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने पहले ही 11 जुलाई को बिहार विधानसभा के समक्ष धरना देने और 12 जुलाई सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपने का एलान कर दिया है. धरना को लेकर रविवार को विधानसभा में भाकपा माले के उपनेता सत्यदेव राम के आवास पर मोर्चा की समीक्षा बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता मोर्चा के संरक्षक और पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ ने की. बैठक में विभिन्न जिलों की भागीदारी पर चर्चा और धरना को शांतिपूर्ण सफल बनाने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया.
बैठक में संदीप सौरभ ने कहा कि बिहार के नियोजित शिक्षकों की वर्षों से मांग रही है कि उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाये. इस संबंध में 11 जुलाई को विधानसभा के समक्ष शांतिपूर्ण धरना देकर अपनी मांग को रखेंगे और बुधवार 12 जुलाई को सभी विधायकों के आवास पर जाकर उन्हें अपनी मांग को विधानसभा में उठाने के लिए ज्ञापन सौंपेंगे.
संदीप सौरभ ने बताया कि सौ से अधिक विधायकों ने शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया गया है. इसकी सूची उन्होंने जारी करते हुए बताया कि भाकपा माले, सीपीआइ, सीपीआइएम,कांग्रेस के सभी विधायक, राजद के राजेश कुमार गुप्ता, विभा देवी, प्रकाशवीर, रामवृक्ष सदा समेत दर्जनों विधायक समेत सभी पार्टियों के विधायकों ने अपना समर्थन शिक्षकों को दिया है.
बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के कहा है कि अब तक अनुदान सरकार द्वारा स्वीकृत होने के बाद भी विद्यालयों को नहीं मिला है. 2014-2015 व 2015-16 का अनुदान सरकार द्वारा स्वीकृत होने के बाद सीधा विद्यालय को देना था, लेकिन विभाग ने अनुदान देने के बजाय जांच का आदेश दिया है. महासंघ ने इस जांच का विरोध किया है, क्योंकि अनुदान राशि शैक्षणिक सत्र 2014- 15 एवं 2015-16 की है, जिसका जांच से ताल्लुक नहीं है. महासंघ ने जांच से पहले अनुदान की मांग की है. शैक्षणिक सत्र 2012-13 से 2022-23 तक का अनुदान भुगतान करने के बाद विद्यालय का जांच करे. इसके विरोध में 12 जुलाई को 10 बजे से गर्दनीबाग में धरना एवं प्रदर्शन रखा गया है.