तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों पर कथित हिंसा के मामले की जांच करने गयी बिहार सरकार की उच्चस्तरीय टीम पटना लौट आयी है. शुक्रवार को टीम के नेतृत्वकर्ता आइएएस अफसर और ग्रामीण विकास के सचिव बालामुरूगन डी ने टीम के अन्य सदस्यों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जांच में सोशल मीडिया पर प्रसारित सभी वीडियो व पोस्ट फर्जी पाये गये हैं, जिनकी वजह से तमिलनाडु में रह रहे बिहारी मजदूरों के बीच तनाव फैला.
बिहार से गयी टीम ने चेन्नई, तिरूपुर और कोयंबटूर जिलों में तमिलनाडु सरकार के अधिकारी व श्रमिक वर्ग के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उनका विश्वास बढ़ाने का काम किया. इसका ही परिणाम रहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी कॉल सेंटरों के नंबर पर पहले जहां 500 से 700 कॉल आ रहे थे, वहीं 10 मार्च को इनकी संख्या घट कर मात्र 13 रह गयी. इस मौके पर टीम के सदस्य सीआइडी के आइजी पी कन्नन, श्रम संसाधन विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार और एसटीएफ के एसपी संतोष कुमार भी मौजूद रहे.
आइएएस बालामुरूगन डी ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर उच्चस्तरीय टीम ने चार से सात मार्च तक चेन्नई, तिरूपुर और कोयंबटूर जिलों में श्रमिक वर्ग से बातचीत कर वायरल संदेशों की हकीकत जानी. इस दौरान टीम ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव व डीजीपी से लेकर संबंधित जिलों के कलेक्टर, एसपी, पुलिस कमिश्नर, रेवेन्यू अफसर, लेबर ऑफिसर, लेबर यूनियन-लेबर कांट्रैक्टर्स के प्रतिनिधि, बिहारी एंटरप्रेन्योर्स और फॉर्मर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की. वायरल वीडियो और फेक मैसेज को लेकर उनके अंदर फैले डर को दूर करने के लिए तमिलनाडु सरकार की तरफ से हर संभव कदम उठाये जाने का भरोसा दिया गया. इसके बाद तनाव कम हुआ है और अब तमिलनाडु सरकार के कॉल सेंटर्स पर मिलने वाले कॉल की संख्या काफी घट गयी है.
तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर किये जा रहे कथित हमले को दर्शाने वाले सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ वीडियो और मामले की जांच रिपोर्ट विशेष दल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी है. विशेष दल द्वारा शुक्रवार को ”संकल्प” एक अणे मार्ग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंपी . साथ ही मुख्यमंत्री को विस्तार से पूरे मामले की जानकारी दी . विशेष दल द्वारा बताया गया कि सोशल मीडिया में प्रचलित सात वीडियो के साथ समाचार और संदेश बिहार के प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल फोन पर पाये गये थे, वे भ्रामक पाये गये.
विशेष दल ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की घटनाएं इस संदर्भ में नहीं घटी थीं, ये सभी वायरल वीडियो गलत पाये गये. विशेष दल द्वारा जानकारी दी गयी कि चार मार्च, 2023 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के स्तर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अतिथि श्रमिकों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन भी दिया गया. वर्तमान में लोग यह समझने लगे हैं कि प्रचलित वीडियो भ्रामक है और गलत एवं भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए तमिलनाडु सरकार के अधिकारी कड़े कदम उठा रहे हैं.
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तमिलनाडु का यह मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बालामुरूगन डी सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के नेतृत्व में एक विशेष दल का गठन कर तमिलनाडु भेजा गया था. बिहार सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय विशेष दल द्वारा चार मार्च से लेकर सात मार्च तक तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुपुर एवं कोयंबटूर जिलों में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ वहां की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं वहां रह रहे बिहार के लोगों से मामले को लेकर बातचीत की गयी.