बिहार में सियासी खींचतान के नीतीश कुमार की सरकार बन गई. महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने हैं. 16 अगस्त को नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार होने की संभावना है. जिसके बाद नीतीश सरकार की कैबिनेट में किस पार्टी को कितना मंत्री पद मिलेगा और किस पार्टी से मंत्रिपद के लिए चेहरा कौन होंगे इसको लेकर चर्चाएं तेज है.
बता दें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के सरकार को कुल 164 विधायकों का समर्थन है. जिसमें सबसे ज्यादा राजद के 79, जदयू के 45, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 और हम के 4 विधायकों के साथ 1 निर्दलीय विधायक का समर्थन है. इसमें वाम दल सरकार में शामिल नहीं हो रही. लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन कर रही है.
बिहार सरकार को समर्थन देने वाले जीतन राम मांझी के हम पार्टी से कुल चार विधायक हैं. सूत्रों की मानें को मांझी के पार्टी से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक जीतनराम मांझी कम से कम गो मंत्री पद को लेकर जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर मांझी कांग्रेस, जदयू और राजद के वरीय नेताओं के संपर्क में भी हैं. बता दें कि एनडीए की सरकार में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के पास लघु सिंचाई और एससी-एसटी कल्याण विभाग था. जानकारी के मुताबिक महागठबंधन की सरकार में भी यही मंत्रालय फिर से संतोष सुमन को दिया जा सकता है. जबकि मांझी कम से कम एक और मंत्री पद की मांग कर रहे हैं.
नीतीश कुमार की नई सरकार में राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्रालय मिलना लगभग तय ही है. बता दें कि तेजप्रताप ने भी बीते दिनों इशारे-इशारे में साफ तौर पर कह दिया था कि भी कह दिया था कि पिछली बार की तरह स्वास्थ्य मंत्रालय उन्हें मिलनी चाहिए.
इधर, 19 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी को नीतीश कैबिनेट में 4 सीटें मिल सकती है. राजनीतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस को 4-1 के फार्मुले के मुताबिक कांग्रेस को चार मंत्रिपद आसानी से मिल सकता है. कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, शकील अहमद खान और राजेश कुमार को मंत्री बन सकते हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि पिछली बार जब हमारी 27 सीट थी तब हमें पांच मंत्री पद मिले थे. इसबार 19 हैं तो चार मिलता है, तो भी हमें कोई परेशानी नहीं है.