पटना. राजद सुप्रीमो और अपने पिता लालू प्रसाद की खराब तबीयत के बीच तेज प्रताप यादव उनके बेहद भरोसेमंद भोला यादव पर भड़के हुए हैं. भोला यादव को लालू प्रसाद का हनुमान कहा जाता है. दिल्ली एम्स में भोला यादव लगातार लालू प्रसाद की तीमारदारी में लगे हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद तेजप्रताप हैं कि भोला यादव पर ही अपना सारा गुस्सा निकाल रहे हैं. तेजप्रताप ने ट्वीट करते हुए भोला यादव का नाम लिए बगैर उन पर हमला बोला था, लेकिन अब उन्होंने सारा कंफ्यूजन दूर करते हुए यह बता दिया है कि दरअसल भोला यादव पर वह क्यों नाराज हैं.
तेज प्रताप यादव की मानें तो वह अपने पिता लालू यादव की तबीयत ठीक करने के लिए दिल्ली एम्स में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना चाहते थे. तेज प्रताप का मकसद था कि पाठ होने से लालू यादव की तबीयत ठीक हो जाएगी, लेकिन उनका आरोप है कि भोला यादव ने उन्हें भगवत गीता का पाठ करने और लालू यादव को सुनने से रोक दिया. तेज प्रताप ने कहा है कि इस अज्ञानी को यह नहीं पता कि महापाप की कीमत क्या होती है. श्रीमद भगवत गीता का पाठ रोकना किसी महापाप से कम नहीं है.
पिताजी को अस्पताल में श्रीमद भगवत गीता का पाठ करने एवं सुनने से रोक दिया गया,जबकि पिताजी को गीता पाठ पढ़ना एवं सुनना काफी पसंद है……गीता पाठ से रोकने वाले वाले उस अज्ञानी को ये नही पता कि इस महापाप की कीमत उसे इसी जन्म में चुकानी होगी.. pic.twitter.com/h46fjWXqPb
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) July 12, 2022
इसके साथ ही, तेज प्रताप यादव ने श्रीमद भगवत गीता पढ़ने के फायदे भी गिना दिये हैं. तेज प्रताप ने कुल 10 बिंदुओं की चर्चा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि भगवत गीता पढ़ने के फायदे हैं. तेज प्रताप के मुताबिक गीता का नियमित पाठ करने से मन शांत रहता है. सारे नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते हैं सोचने और समझने की शक्ति बढ़ जाती है और सभी तरह की बुराइयों से खुद-ब-खुद दूरी बन जाती है.
पापा को परिवार और बिहार की जनता की जरूरत है ना कि चापलूसों की…..कुछ बाहरवाले लोग खुद को मुँह मिया मिठ्ठू बता रहे है,भोला भाला बन पिताजी की सेवा का दिखावा कर रहा..ऐसे कपटी और पाखंडी को जल्द बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा….
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) July 11, 2022
फिर प्रताप ने आगे बताया है कि भगवत गीता पढ़ने से हमारे अंदर का भ्रम दूर हो जाता है. सारा भय भी खत्म हो जाता है. हम निर्भय बन जाते हैं. इतना ही नहीं ज्ञान की सीमा को खत्म करके भगवत गीता हमारे दिमाग के ढक्कन को खोल देती है. गीता हमें बताती है कि मानव जीवन की तरह महत्वपूर्ण है नियमित पाठ करने वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और भयमुक्त रहता है और जो भगवद्गीता का नियमित पाठ करता है वह एक दिन महापुरुष बन जाता है.