जगदानंद सिंह ने बागेश्वर बाबा को बताया देश का दुश्मन, तेज प्रताप ने कहा- मैं किसी बाबा को नहीं जानता
तेज प्रताप यादव ने कहा है कि कौन है बाबा. मैं देवरहा बाबा के अलावा किसी को बाबा नहीं मानता. वे असली बाबा थे. इसलिए मैं किसी और बाबा-आबा-टाबा को नहीं जानता हूं. जगदानंद सिंह ने कहा की आडवाणी की तरह ही उनको बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि संविधान के खिलाफ बोलने वाले को मैं देश का दुश्मन मानता हूं.
पटना के नौबतपुर के तरेत पाली मठ में चौथे दिन मंगलवार को बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा सुनायी. इस दौरान उन्होंने हिन्दू राष्ट्र को लेकर एक बयान दिया जिस पर बिहार में बवाल मच गया है. बाबा के दिए बयान पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने हमला बोलते हुए कहा कि आडवाणी की तरह ही उनको बंद कर देना चाहिए. मीडिया से बातचीत करते हुए मंगलवार को उन्होंने कहा कि संविधान के खिलाफ बोलने वाले को मैं देश का दुश्मन मानता हूं. विघटनकारी ताकतें ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रही हैं. बढ़ावा देने वाले लोग देश के सही नागरिक नहीं हैं. राजद प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने कहा कि भारत बहुजातीय, बहु धार्मिक और बहु सांस्कृतिक राष्ट्र है. बाबा बागेश्वर के आयोजन स्थल पर जुटने वाली भीड़ के संदर्भ में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि गांव में डुग-डुगी बजने पर भी भीड़ जुट जाती है.
मैं किसी बाबा को नहीं जानता: तेज प्रताप
प्रदेश के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने बाबा बागेश्वर पर फिर हमला बोला है. मंगलवार को उन्होंने कहा है कि कौन है बाबा. मैं देवरहा बाबा के अलावा किसी को बाबा नहीं मानता. वे असली बाबा थे. इसलिए मैं किसी और बाबा-आबा-टाबा को नहीं जानता हूं. उन्होंने कहा कि बाबा का यह कार्यक्रम पूरी तरह राजनीतिक है. बाबा बिहार में आये और उधर कर्नाटक में भाजपा को हरवा दिया. मंत्री तेज प्रताप यादव इससे पहले भी बाबा बागेश्वर को लेकर काफी आक्रामक रहे हैं.
बाबा बागेश्वर ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर दिया था बयान
बता दें कि चौथे दिन बागेश्वर बाबा को सुनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आये थे. कथा शुरू करने से पहले धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनका जो संकल्प है, वह बिहार से ही पूरा होता दिख रहा है. जिस दिन बिहार के 13 करोड़ में से पांच करोड़ लोग भी अपने घर के बाहर धर्म का ध्वज और माथे पर तिलक लगाकर निकलने लगेंगे, उसी दिन भारत हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर हो जायेगा. उन्होंने कहा कि राम की पूजा करें, सनातन संस्कृति को बचाएं. अब देश साधु-संतों का अपमान नहीं सहेगा. अगर भारत में रहना है, तो सभी को सीता राम कहना पड़ेगा.
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