बिहार में कैबिनेट गठन के साथ ही मंत्रालयों का भी बंटवारा हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य मंत्रालय दिया है. बता दें कि ये वो मंत्रालय है, जो पिछली बार महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी के भाई तेज प्रताप के पास था. पिछली बार तेजस्वी यादव के पास पथ निर्माण, भवन निर्माण, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी थी.
बता दें कि बिहार में आज मंगलवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ है. महागठबंधन के 31 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई है. कैबिनेट में सबसे ज्यादा मंत्रिपद राजद के खाते में खाते गए हैं. राजद के कोटे से 16 विधायकों को मंत्री बनाया गया है. वहीं, जदयू के 11 विधायकों को मंत्री बनाया गया है. जबकि कांग्रेस के 2, हम का 1 और 1 निर्दलीय विधायक को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई. सबसे खास बात जो निकल सामने आई को तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा नहीं मिला है. तेजप्रताप को इस बार नीतीश कुमार ने पर्यावरण और वन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य मंत्रालयों को देखेंगे. बता दें कि स्वास्थ्य और पर्यावरण और वन मंत्रालय दोनों बिहार सरकार के अहम विभाग है.
महागठबंधन (mahaagathabandhan) की सरकार बनने के बाद सभी लोगों की निगाहें राजद प्रमुख लालू यादव (RJD chief Lalu Yadav) के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की ओर थी कि तेजप्रताप को बतौर मंत्री कौन सा विभाग मिलता है. बता दें कि इससे पहले भी महागठबंधन-1 की सरकार में तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य विभाग की कामन संभाल चुके थे. मंत्री रहने के दौरान तेजप्रताप कई बार औचक निरीक्षण करने पटना के बड़े अस्पताल समेत प्रदेश के अन्य अस्पताल में पहुंच जाते थे. तेजप्रताप यादव की इस अदा बिहार के लोगों को खूब भाती थी.
बता दें कि महागठबंधन-1 की सरकार भंग होने के बाद भी तेजप्रताप यादव अस्पताल में मरीजों का हालचाल लेने पहुंच जाते थे. कोरोना काल में भी तेजप्रताप यादव ने अस्पतालों का निरीक्षण कर कई सराहनीय कार्य किये थे. बताते चलें की एनडीए की सरकार (NDA government) में स्वास्थ्य विभाग की बागडोर भाजपा के वरीय नेता मंगल पांडेय (Mangal Pandey) के पास था.