मीसा भारती के नॉमिनेशन में पहुंचे तेज प्रताप यादव को आया गुस्सा, कार्यकर्ता को दिया धक्का
राजद नेता तेज प्रताप यादव ने सोमवार को गुस्से में एक कार्यकर्ता को धक्का दे दिया. जिस वजह से कार्यकर्ता गिर गया. यह घटना मीसा भारती के नॉमिनेशन के बाद आयोजित जनसभा में घटित हुई.
पाटलिपुत्र लोकसभा से महागठबंधन प्रत्याशी लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन के बाद श्री कृष्ण मेमोरियल (एसकेएम) हॉल में एक जनसभा का आयोजन किया गया. इस सभा के दौरान तेज प्रताप यादव एक कार्यकर्ता पर इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने उसे मंच पर ही धक्का दे दिया. धक्के की वजह से वो कार्यकर्ता नीचे गिर गया.
मीसा-राबड़ी ने तेज प्रताप को समझाया
इसके बाद नाराज तेज प्रताप को उनकी बहन मीसा भारती ने समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने. इस बीच राबड़ी देवी और मीसा भारती ने मंच से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की. इस दौरान मंच पर मौजूद लोग तेज प्रताप को समझाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन वह नहीं माने और एक बार फिर गुस्से में कार्यकर्ता की ओर दौड़े. जिसके बाद मंच पर मौजूद लोगों ने उन्हें रोका.
क्यों आया तेज प्रताप को गुस्सा
इसके बाद मंच पर मौजूद लोगों ने तेज प्रताप यादव और उस कार्यकर्ता को घेर लिया. जानकारी के मुताबिक सभा के दौरान मंच पर काफी भीड़ थी. इसी बीच गलती से कार्यकर्ता का पैर तेज प्रताप यादव के पैर पर पड़ गया. इसके बाद तेज प्रताप इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने उस कार्यकर्ता को धक्का दे दिया. मीसा भारती के नामांकन के बाद हुई इस जनसभा में पूरे लालू परिवार समेत राजद के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
क्या बोले लालू-तेजस्वी
वहीं, इस सभा में लोगों को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा कि बिहार क्रांति की धरती है. जान रहे या न रहे , लेकिन हम संविधान और लोकतंत्र को मिटने नहीं देंगे. मेरी रिपोर्ट है कि अब तक के चुनावों में इंडिया गठबंधन को अच्छी सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि इस बार हम लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चूना लगाना है. मोदी की विदायी कर देना है. उनकी विदायी अब पक्की है. वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि कोई बताये कि पाटलिपुत्र में प्रधानमंत्री ने कितने कारखाने खोले. कहा कि उनके पास सिर्फ हिंदू मुस्लिम की बात करना आता है. महंगाई और बेरोजगारी की बात नहीं करते. प्रधानमंत्री हमको पटना का ‘शहजादा’ कहते हैं. वे ‘पीरजादे’ हैं. इसलिए वह हमको शहजादा बोलते हैं.
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