मधुबनी: 29 जनवरी को वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस द्वारा मौलाना मोहम्मद फिरोज की बर्बरता से पिटाई का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में डीएसपी मुख्यालय की जांच रिपोर्ट के बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए तीन पुलिस कर्मी और दो चौकीदार को निलंबित कर दिया है. थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी को भी पद से हटाया गया है. वहीं, अब इस मामले पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक दिन में 500 राउंड गोलियां चलती हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है.
बर्बरतापूर्ण घटना से मर्माहत: तेजस्वी
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने कहा कि बेनीपट्टी में जिस तरह बर्बरतापूर्ण घटना घटी है, उससे मैं काफी मर्माहत हूं. जिस तरह से वहां एक अल्पसंख्यक की डीएसपी ने पुलिस वालों के साथ मिलकर बिना किसी वजह के पिटाई की है, वह सही नहीं है. मैं पीड़ित से मिलने मधुबनी जा रहा हूं. यह केवल एक घटना नहीं है. कुछ महीने पहले राहुल कुमार झा की थाने में बर्बर तरीके से पिटाई की गई. इसी तरह ऑटो चालक मुन्ना झा की हत्या कर दी गई और अब तक नामजद अभियुक्तों को पुलिस पकड़ नहीं सकी है. जगत गांव में सुनील झा कंपाउंडर की हत्या कर दी गई, महीने बाद भी पुलिस अपराधी को नहीं पकड़ पाई. ढाका गांव में पुलिस ने महिलाओं और बच्चों की खूब पिटाई की थी, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब जो घटना सामने आई है, उसमें एक मौलाना की पिटाई की गई है, पुलिस ने उन्हें पीटने का काम किया है.
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पुलिस वालों की विचारधारा RSS की हो गई है
उन्होंने आरोप लगाया कि मैं पूरी तरह से कह सकता हूं कि बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. पुलिस वाले संविधान की शपथ लेते हैं. अगर आपकी मानसिकता आरएसएस या किसी और की विचारधारा की हो गई है तो यह गलत है. अगर कोई भी मुसलमानों को बुरी नजर से देखने का काम करता है, तो उन बुरी नजर वालों की नजर अच्छी कैसे की जाए, मुझे हर तरीका पता है. जिस तरह से मौलाना की पिटाई हुई है, उसमें डीएसपी पर कार्रवाई नहीं होती तो हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी.
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