बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार शाम कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के तहत सीवान पहुंचे. यहां वह तीन साल बाद अपने पिता के पुराने सहयोगी और आरजेडी की टिकट पर 4 बार सांसद रहे दिवंगत बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के घर भी गए. यहां उन्होंने न सिर्फ शहाबुद्दीन के परिवार से मुलाकात की. बल्कि उनके साथ डिनर भी किया. इस दौरान बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी समेत पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. बता दें कि तेजस्वी के सिवान यात्रा के दौरान शहाबुद्दीन के परिवार को मिल रही अहमीयत से ये साफ हो गया कि लालू के लाल लोकसभा चुनाव वाली गलती विधानसभा चुनाव में नहीं करना चाहते हैं.
हेरा शहाब के निकाह में गए थे तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष आखिरी बार साल 2021 में हेरा शहाब के निकाह में शामिल होने के लिए शहाबुद्दीन के घर गए थे. बता दें कि तेजस्वी कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के तहत हर जिले का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान वे आरजेडी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर फीडबैक ले रहे हैं. इसी कड़ी में सीवान में एसकेजी शुगर मिल बायपास स्थित होटल सफायर इन में गुरुवार को आरजेडी की बैठक आयोजित की गई. इसकी पूरी तैयारी शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शराब और विधायक अवध बिहारी चौधरी ने की.
शहाबुद्दीन परिवार की नाराजगी RJD को पड़ा भारी
सीवान के बाहुबली और चार बार सांसद रह चुके मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना काल में निधन हो गया था. इसके बाद शहाबुद्दीन परिवार से आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व की दूरियां बढ़ गई थीं. हालांकि, हेना शहाब ने अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाने के सीवान में फिर से जमीन मजबूत करने की कोशिश की. लेकिन लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने हेना को टिकट न देकर पार्टी के बड़े नेता और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे अवध बिहारी चौधरी को उम्मीदवार बना दिया. इससे नाराज हेना निर्दलीय चुनाव लड़ गई. इसका असर ये हुआ कि पार्टी सिवान में तीसरे नंबर पर चली गई और जेडीयू की विजयलक्ष्मी देवी ने इस सीट पर जीत दर्ज की.
लोकसभा वाला जोखिम विधानसभा में नहीं उठाना चाहते तेजस्वी
लोकसभा चुनाव में शहाबुद्दीन परिवार की नाराजगी का खामियाजा भुगतने के बाद आरजेडी अब इसे किसी भी किमत पर विधानसभा में नहीं उठाना चाहती है. क्योंकि पार्टी का मानना है कि बिहार में दो दशक के बाद उसकी वापसी हो सकती है. ऐसे में शहाबुद्दीन परिवार का साथ उसके लिए सिवान के क्षेत्र में किसी अमृत से कम नहीं है. इसिलए पार्टी से बगावत करने के बावजूद आरजेडी ने न सिर्फ शहाबुद्दीन परिवार की आरजेडी में वापसी करवाई. बल्कि कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी इस साल के चुनाव में हेना को विधानसभा का टिकट भी दे सकती है.
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