Darbhanga Aiims: बिहार के दरभंगा में एम्स खाेले जाने को लेकर शनिवार को राजनीति अचानक गरमा गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ मनसुख मांडविया और बिहार के उपमुख्यमंत्री आमने-सामने हो गए. एम्स को लेकर जदयू की ओर से भी बयानबाजी शुरू हो गयी है. केंद्र व राज्य सरकार दोनों अब इसे लेकर एक दूसरे पर हमलावर है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ मनसुख मांडविया ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ट्वीट कर कहा कि राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिए तत्काल उचित जगह दीजिए. हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं. इसके पहले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री दरभंगा में एम्स को लेकर गलतबयानी कर रहे हैं. दरभंगा में एम्स खुला ही नहीं है. राज्य सरकार ने जिस जमीन पर एम्स बनाने का प्रस्ताव दिया है, उसे केंद्र सरकार स्वीकार नहीं कर रही है. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को इस संबंध में 23 जून को लिखे पत्र को मीडिया में जारी किया. यह पूरा मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से शुरू हुआ, जब उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में अनेक राज्यों में एम्स खोले जाने का हवाला देते हुए बिहार के दरभंगा में एम्स खोले जाने की बात कह दी.
प्रिय तेजस्वी जी,
मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।
हमारी नीयत साफ़ है।
एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी। https://t.co/ESOxhfeDp6 pic.twitter.com/kH0PiucDml
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 12, 2023
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती, बल्कि विकास की राजनीति करती है. हमारी नीयत साफ है. एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर, 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने तीन नवंबर, 2021 को पहली ज़मीन दी. तेजस्वी को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि आप सरकार में आये और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल, 2023 को यह जगह बदल दी. नियमों के अनुसार जमीन की जांच करने के लिये एक्सपर्ट कमेटी ने जमीन का निरीक्षण किया. 26 मई, 2023 को केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को पत्र लिख कर स्पष्ट कहा था कि उपलब्ध करवायी गयी दूसरी जमीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है. उन्होने तेजस्वी से कहा कि अब आप ही बताएं जमीन को क्यूंबदला गयी, किसके हित में बदली गयी? केंद्रीय मंत्री ने तेजस्वी यादव से कहा कि बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गयी अनुपयुक्त जमीन के लिए क्या कहा था?
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बता दें कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने करीब दो माह पूर्व 23 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को लिखे पत्र को मीडिया को जारी किया. पत्र में तेजस्वी ने दरभंगा में एम्स की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा बहादुरपुर अंचल के शोभन में कुल 151.17 एकड़ भूमि केंद्र सरकार को निःशुल्क हस्तांतरण करने संबंधी कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी. इसे केंद्र को सूचित करने एवं इस जमीन पर मिट्टी भराई के लिए 309 करोड़ मंजूर करने एवं टेंडर जारी करने की भी जानकारी दी. इस संबंध में 26 मई को केंद्र सरकार का एक पत्र राज्य सरकार को मिला, जिसमें कहा गया कि उनके प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया है. इसके वैकल्पिक प्रस्ताव की मांग की गयी. तेजस्वी ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार द्वारा दी गयी जमीन पूर्व-पश्चिम कोरिडोर से तीन किमी, दरभंगा शहर से पांच किमी एवं दरभंगा हवाई अड्डा से 10 किमी की दूरी पर होने से आवागमन में सुगम है. संपूर्ण भूखंड सरकारी एवं रैयती ग्रीन फील्ड है. एम्स पूर्वोत्तर बिहार में रहने वाले लोगों को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.
दरअसल, शनिवार को पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए असम के गौहाटी से लेकर पश्चिम बंगाल के कल्याणी तक, झारखंड के देवघर से लेकर बिहार में दरभंगा तक इस प्लानिंग के साथ नये-नये एम्स खोले गये हैं, ताकि लोगों को इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर न जाना पड़े.
वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दरभंगा में एम्स खुलने वाले बयान पर शनिवार को ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ललन सिंह ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जी आप अपने स्वास्थ्य विभाग से ठीक से जानकारी प्राप्त कर लीजिए. दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है और वहां पर मिट्टी भराई के लिए अलग से 250 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए हैं लेकिन उस जमीन पर आपकी केंद्र सरकार एम्स बनाने को तैयार नहीं है. इसका मकसद बिहार में एक एम्स के निर्माण को लटकाना है और आप कह रहे हैं कि एम्स खुल गया.
आरजेडी यानी राष्ट्रीय झूठा दल! अफसोस! विकास में भी राजनीति करने के कारण ही आज बिहार की यह दुर्दशा हो गयी है. बिहार के उपमुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य मंत्रालय होते हुए भी मरीजों को यूरिन की थैली की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगा दी जाती है. थोड़ी-सी बारिश में अस्पतालों में पानी भर जाता है. इस दुर्दशा की स्थिति में भी बिहार में एम्स जैसे बेहतरीन संस्थान के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को सालों इंतजार करना पड़ रहा है.