आधी रात को औचक निरीक्षण में NMCH पहुंचे तेजस्वी यादव, बोले, डॉक्टर सुधारें अपना व्यवहार
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार की रात एनएमसीएच में औचक निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया कि मरीजों के साथ डॉक्टर, नर्स व कर्मियों को बेहतर व्यवहार करना होगा. दवाओं की कमी है, जिसे दूर किया जायेगा. कुछ और कमियां दिखी हैं, इन्हें भी ठीक किया जायेगा.
पटना सिटी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार की रात एनएमसीएच में औचक निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया कि मरीजों के साथ डॉक्टर, नर्स व कर्मियों को बेहतर व्यवहार करना होगा. दवाओं की कमी है, जिसे दूर किया जायेगा. कुछ और कमियां दिखी हैं, इन्हें भी ठीक किया जायेगा.
व्यवस्था की जमीनी हकीकत देखने के लिए आये हैं
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर गुरुवार को विभाग में बैठक की थी. अस्पताल में इलाज की व्यवस्था की जमीनी हकीकत देखने के लिए औचक निरीक्षण के लिए आये हैं. विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत व विभाग के कौशल किशोर के साथ अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचे उपमुख्यमंत्री सबसे पहले अस्पताल की सेंट्रल इमरजेंसी में पहुंचे, जहां पर निरीक्षण के बाद मेडिसिन विभाग के डेंगू वार्ड पहुंचे व मरीजों और उनके परिजनों ने मिले.
कई चीजों को सही करने का दिया निर्देश
इस दौरान परिजनों ने कहा कि दवाओं की कमी है. बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं. इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश किया कि वे समय-समय पर अस्पताल आकर व्यवस्थाओं का जायजा लें और समस्याओं को दूर करें. उपमुख्यमंत्री ने मुख्य गेट के पास जमा पानी को देख कर आपत्ति की. विभाग में नल टूटे होने की वजह से पानी गिरने और बाथरूम के पास पाइप खराब होने से भी कायम समस्या को देख आपत्ति जतायी.
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क
पटना उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को डेंगू के रोकथाम व नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक की. उन्होंने इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देकर डेंगू के रोकथाम, इलाज और नियंत्रण किया जा रहा है.
अस्पतालों में जांच और बेड की संख्या बढ़ायी गयी
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है. नगर विकास एवं आवास विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कचरा प्रबंधन, एंटी लार्वा फॉगिंग और जांच कर लगातार दवा वितरित की जा रही है. अस्पतालों में जांच और बेड की संख्या बढ़ायी गयी है.