Tejashwi Yadav का दावा- बिहार में 64% मंत्री दागी, 5 साल नहीं चलेगी NDA की सरकार, शराबबंदी पर भी सियासी स्यापा
राजद नेता (RJD Leader) तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार को दावा किया कि बिहार में नीतीश कुमार (Nitish kumar) की सरकार में 64 फीसदी मंत्री दागी हैं, जिन पर गंभीर किस्म के अपराध दर्ज हैं. सीएम नीतीश पर हमलावर रुख अपनाते हुए राजद नेता ने कहा कि यह सरकार अब तक की सभी सरकारों में सबसे कमजोर है.
राजद नेता (RJD Leader) तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार को दावा किया कि बिहार में नीतीश कुमार (Nitish kumar) की सरकार में 64 फीसदी मंत्री दागी हैं, जिन पर गंभीर किस्म के अपराध दर्ज हैं. सीएम नीतीश पर हमलावर रुख अपनाते हुए राजद नेता ने कहा कि यह सरकार अब तक की सभी सरकारों में सबसे कमजोर है.
बिहार में एनडीए सरकार (NDA govt in Bihar) की मजबूती से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी पांच साल पूरे नहीं हुए हैं. आगे देखिये क्या होता है? राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हालात यह है कि मंत्रियों की लापरवाही हो या सरकार से जुड़ा कोई और मामला, सीएम बिल्कुल अनजान बने रहते हैं. क्या ऐसा संभव है कि, जिसे वह मंत्री बना रहे हैं, उसकी पृष्ठभूमि नहीं जानते हों? इस मामले में उन्होंने मेवा लाल चौधरी को मंत्री बनाने का उदाहरण दिया.
Tejashwi Yadav : राजस्व मंत्री राम सूरत राय की इस्तीफे की मांग
उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री राम सूरत राय के भाई हंस राय के खिलाफ एफआइआर होने के बाद कार्रवाई के लिए सरकार को अब और क्या सबूत चाहिए? दरअसल जिस स्कूल में शराब मिली है, उस स्कूल के संस्थापक मंत्री राम सूरत राय हैं. स्कूल के व्यवस्थापक मंत्री के भाई हंस राय हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने भी माना है कि उनके स्कूल से शराब जब्त हुई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में मंत्री राय से इस्तीफा ले लेना चाहिए.
Liquor Ban in Bihar: शराबबंदी पर सियासी स्यापा
इंडिया स्पेंड नाम की एजेंसी के हवाले से तेजस्वी बताया कि हाल ही में बिहार में तीस लाख लीटर से अधिक शराब आयी है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर यह शराब विभिन्न जिलों से होकर आयी कैसे? जाहिर है कि सब मिली भगत से हो रहा है.
उन्होंने कहा कि शराब मामले में जेलों में बंद अधिकतर लोग वंचित समाज और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोग हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि शराब माफिया से मिलीभगत के फेर में जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हुई है, उनमें अधिकतर दलित और कमजोर तबके से आते हैं.
Posted By: Utpal kant