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‘ना छेड़ो हमें हम सताए हुए हैं…’ राजद विधायकों के साथ तेजस्वी यादव ने गुनगुनाया गाना, वायरल हुआ वीडियो

तेजस्वी यादव के आवास पर राजद विधायकों के रहने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है. शनिवार की रात यहां मेहफिल जमीं. फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी यादव अपने आवास पर पार्टी के विधायक के साथ बैठ कर 'ना छेड़ो हमें हम सताए हुए हैं, बहुत जख्म सीने पे खाए हुए हैं' गाना गाते नजर आ रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2024 1:41 PM

पटना. बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले बहुत कुछ हो रहा है. इसी बहुत कुछ में गीत संगीत का कार्यक्रम भी शामिल है. सभी दल अपने अपने विधायकों को लेकर बैठी है. राजद ने भी तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर अपने तमाम विधायकों को ठहरा रखा है. तेजस्वी यादव के आवास पर राजद विधायकों के रहने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है. शनिवार की रात यहां मेहफिल जमीं. फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी यादव अपने आवास पर पार्टी के विधायक के साथ बैठ कर ‘ना छेड़ो हमें हम सताए हुए हैं, बहुत जख्म सीने पे खाए हुए हैं’ गाना गाते नजर आ रहे हैं.


विधायक भी गुनगुनाते दिखे

राजद की ओर से तेजस्वी यादव के पांच देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास पर ठंड से बचने के लिए अलाव की भी व्यवस्था की गई है. ठंडी हवाओं के बीच आग की ताप और गिटार की संगत माहौल को शायराना बना दिया था. इस बीच तेजस्वी यादव का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे आरजेडी और लेफ्ट के विधायकों के साथ गिटार पर गाना गाते हुए दिख रहे हैं.

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पहले भी गीत गाते रहे हैं तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव के साथ उनके विधायक भी गाना गुनगुनाते हुए दिख रहे हैं. सांसद महबूब अली कैसर के बेटे विधायक यूसुफ सलाउद्दीन तेजस्वी के बगल में बैठ कर गिटार बजाते नजर आ रहे हैं. वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. तेजस्वी यादव इससे पूर्व भी एक कार्यक्रम में गाना गाते दिखे थे. वो एक बार फिर गायक के रूप में नजर आये हैं, लेकिन इस बार उनके गाये गीत के बोल का भी लोग राजनीतिक मायने तलाश रहे हैं.

बिहार में जारी है रस्साकसी

बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले राजनीतिक दलों के बीच रस्साकसी का दौर जारी है. सभी दल अपने विधायकों को हार्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित करने में लगे हुए हैं. हर दल अपने विधायकों के एकजुट होने का दावा कर रहा है, लेकिन टूट की आशंका को लेकर सतर्क भी है, क्योंकि राजनीति में कब पासा पलट जाए कहा नहीं जा सकता है. यही वजह है कि कहीं बैठकें, प्रशिक्षण शिविर तो कहीं भोज के बहाने विधायकों की उपस्थिति परखी जा रही.

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