पटना. बिहार के सरकारी अस्पतालों में रेफर संस्कृति अब नहीं चलनेवाली है. उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने इसको लेकर सख्त कदम उठाये हैं. मिशन 60 योजना के तहत सदर अस्पतालों की बदहाली दूर करने में लगे तेजस्वी यादव ने बिहार में अब रेफरल पॉलिसी लागू कर दिया है. इसके तहत किसी भी मरीज को अकारण बड़े अस्पताल में रेफर करने से पहले डॉक्टर को अब ठोस वजह बतानी होगी, वर्ना उसकी नौकरी भी जा सकती है.
उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य पदाधिकारियों को जल्द से जल्द रेफरल पॉलिसी लागू करने को कहा था, जिसके बाद अब पॉलिसी लागू कर दी गई है. इसके अनुसार बिना रेफरल कार्ड के मरीजों को बड़े अस्पतालों में नहीं भेजा जा सकेगा. रेफरल पॉलिसी में हर बीमारियों के लिए एक मानक तय किया गया है किस बीमारी में किस हद तक मरीजों का उपचार निचली इकाइयों के अस्पतालों में होगा इसका प्रावधान किया गया है.
मरीजों को रेफर करने के लिए विभाग ने एक रेफरल कार्ड भी तैयार किया है. इस रेफरल कार्ड में डॉक्टर को मरीजों से संबंधित कुड़ी जानकारी और रेफर करने के ठोस कारणों को ही बताना होगा ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टरों को रेफरल कार्ड में मरीजों के नाम, उम्र तथा पता की जानकारी देनी होगी. साथ ही यह भी बताना होगा कि जिस मरीज को रेफर किया जा रहा है, उसका अस्पताल में क्या उपचार किया गया और क्या जांच की गयी. मरीजों को कब किस तिथि को रेफर किया जा रहा है, इसकी भी जानकारी देनी होगी.
बिहार में अब तक कोई पॉलिसी नहीं होने के कारण मरीजों को रेफर करते समय डॉक्टर किसी मानक का पालन नहीं करते थे. सरकारी हॉस्पिटल में काम कर रहे डॉक्टर पर्ची पर सिर्फ रेफर लिखकर मरीजों को चलता कर देते थे. इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों का उपचार करने के बजाय केवल रेफर करने के लिए चर्चित हो गये. इसके बाद जब इस बात की भनक स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को लगी, तो उन्होंने कड़ा एक्शन लिया और अब अकारण मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर करने की आदतों पर नकेल कसने के लिए यह पॉलिसी लागू कर दिया गया.
जिला स्तर पर बने सदर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के होते हुए भी वहां के मरीजों को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया जाता है. बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज में मरीजों का दबाव पहले से ही है, ऐसे में अस्पताल की ओर से मरीजों को रेफर किए जाने से उपचार में परेशानी हो रही थी. जिसके बाद अब यह निर्णय लिया गया है.