Tejashwi Yadav In Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल के सियासी समर में दोस्त बनाने का सिलसिला जारी है. टीएमसी और बीजेपी अपने बूते मैदान में है. कांग्रेस ने लेफ्ट और आईएसएफ की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया और गठबंधन कर लिया. दूसरी तरफ राजद और तेजस्वी यादव ने ममता बनर्जी की टीएमसी की दोस्ती के हाथ को थाम लिया है. तेजस्वी के मुताबिक टीएमसी को बिना शर्त समर्थन दिया गया है. दरअसल, बिहार में तेजस्वी यादव की पार्टी राजद का कांग्रेस और वामदलों के साथ गठबंधन है. बिहार चुनाव में राजद ने कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन किया था.
Also Read: Bengal Election 2021 : तेजस्वी के बाद अब अखिलेश यादव ने भी दिया ममता बनर्जी को समर्थन, समाजवादी पार्टी नहीं लड़ेगी बंगाल में चुनाव
सूत्रों की मानें तो 28 फरवरी को तेजस्वी यादव ब्रिगेड मैदान में लेफ्ट पार्टी, कांग्रेस, आईएसएफ के जनसभा में शामिल होने के मकसद से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे थे. राजद नेता तेजस्वी यादव को जनसभा में नहीं देखा गया था. तेजस्वी यादव के तृणमूल कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देने का पता बंगाल के राजद प्रदेश अध्यक्ष को भी नहीं था. चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले कयास लग रहे थे कि राजद, कांग्रेस-लेफ्ट के गठबंधन में शामिल होगी. शायद तेजस्वी यादव को राहुल गांधी से ज्यादा बड़ा चेहरा ममता बनर्जी का लगा. उन्होंने टीएमसी के साथ चलने का फैसला कर लिया.
तेजस्वी यादव ने कोलकाता में टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बात हुई. लेकिन, सीट शेयरिंग से जुड़ा कोई फॉर्मूला सामने नहीं आया है. तेजस्वी यादव का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल टीएमसी के साथ मजबूती से खड़ी है. कोलकाता से तेजस्वी यादव ने भविष्यवाणी कर डाली है कि बंगाल में टीएमसी की दोबारा वापसी होगी. जबकि, बिहार में बीजेपी, जेडीयू, वीआईपी और हम के गठबंधन वाली एनडीए सरकार की जल्द विदाई होने वाली है.
Also Read: Bengal Election 2021: क्रिकेटर मनोज तिवारी ने तेजस्वी यादव से की मुलाकात, क्रिकेट के दिनों को याद कर बताया डायनेमिक नेता …
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बीच अच्छा रिश्ता था. अब, तेजस्वी पिता के बनाए रास्ते पर चलकर बंगाल की सत्ता के गलियारे में दाखिल होने की कोशिश में हैं. बड़ा सवाल यह है कि बिहार में कांग्रेस से दोस्ती, बंगाल में दुश्मनी उनकी कितनी मदद करेगा? क्या बंगाल की सियासी पिच पर कांग्रेस-राजद का रिश्ता क्लीन बोल्ड होगा या कांग्रेस राजद को वॉकओवर देगी, क्योंकि ना तो बिहार और ना ही बंगाल में कांग्रेस अपने हिसाब से प्लेइंग इलेवन चुनने में सक्षम है.