Loading election data...

तेजस्वी यादव ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, मानहानि मामले में दाखिल की अर्जी, जानिए आवेदन में क्या कहा?

तेजस्वी यादव की ओर से कहा गया कि शीर्ष अदालत के समक्ष उनकी स्थानांतरण याचिका पर छह नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है. उनकी ओर से मांग की गयी कि आगे की कार्यवाही उनके वकील की उपस्थिति में की जाए और इस संबंध में कोई आपत्ति न की जाए.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2023 8:52 PM
an image

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुजरातियों को ठग कहने के मामले में अहमदाबाद कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. तेजस्वी ने शनिवार को अहमदाबाद ट्रायल कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले को स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस मामले पर छह नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है.

अहमदाबाद अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन में चल रहा केस

तेजस्वी ने अपने वकील के माध्यम से अहमदाबाद अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में उपस्थिति से छूट मांगी. तेजस्वी की कथित टिप्पणी केवल ‘गुजराती ही ठग हो सकते हैं’ के लिए आपराधिक मानहानि मामले में कोर्ट ने 22 सितंबर को तेजस्वी को तलब किया था. तेजस्वी के वकील के अनुरोध के बाद अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया और इसे दो दिसंबर को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया.

शिकायतकर्ता ने क्या दिया तर्क

दूसरी ओर इस मामले में शिकायतकर्ता के वकील हरेश मेहता ने तर्क दिया था कि चूंकि इस मामले को शीर्ष अदालत ने अभी तक नहीं उठाया है और कोई निर्देश पारित नहीं किया गया है, इसलिए निचली अदालत को तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति में मामले की सुनवाई जारी रखनी चाहिए.

छह नवंबर को हो सकती है सुनवाई

तेजस्वी यादव की ओर से कहा गया कि शीर्ष अदालत के समक्ष उनकी स्थानांतरण याचिका पर छह नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है. उनकी ओर से मांग की गयी कि आगे की कार्यवाही उनके वकील की उपस्थिति में की जाए और इस संबंध में कोई आपत्ति न की जाए.

Also Read: BPSC TRE 2: बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण की घोषणा, बदला परीक्षा पैटर्न, जानें महत्वपूर्ण बातें

कोर्ट में पेशी से छूट के लिए दिए ये कारण

शनिवार को कोर्ट में पेशी से छूट के लिए दिए गए आधार में कहा गया कि तेजस्वी एक आधिकारिक कार्यक्रम में व्यस्त हैं और उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 406 के तहत सुप्रीम कोर्ट में केस को स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए एक याचिका भी दायर की है.

Also Read: बिहार के आईटी सेक्टर में हो सकता है बड़ा इनवेस्टमेंट, एचसीएल समेत कई बड़ी कंपनियां निवेश की तैयारी में

याचिका में क्या लिखा

तेजस्वी यादव की तरफ से केस के ट्रांसफर के लिए दायर याचिका में कहा गया है कि तेजस्वी कानून का पालन करने वाले नागरिक और बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और पटना में अपने आधिकारिक पते पर रहते हैं. इसलिए, याचिकाकर्ता-अभियुक्त तत्काल और आधिकारिक प्रतिबद्धताओं के कारण इस अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके हैं इनमें आम लोगों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की देखरेख भी शामिल है, जो आगामी त्योहारों के मद्देनजर जरूरी है.

Also Read: बिहार में 3.61 करोड़ रुपये की बिजली चोरी, विद्युत विभाग को जुगाड़ मशीन से लगाया चूना, जानिए कैसे हुआ खुलासा?

क्या है मामला

अहमदाबाद की अदालत ने एक स्थानीय व्यवसायी और कार्यकर्ता हरेश मेहता द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर अगस्त में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत यादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी और उनकी पेशी के लिए पर्याप्त आधार पाया था. शिकायत के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने 21 मार्च 2023 को पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ‘मौजूदा हालात में सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी.’ तेजस्वी यादव ने कथित तौर पर कहा था कि अगर वे एलआईसी या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा? मेहता ने दावा किया कि इस बयान ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है.

Also Read: हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस दिन से होगा शुरू, तेजस्वी यादव करेंगे उद्घाटन, अधिकारियों को दिए गए निर्देश

Exit mobile version