Bihar Politics: बिहार में जातीय सर्वेक्षण का डाटा सरकार की ओर से जब सार्वजनिक किया गया तो सत्ता पक्ष और विपक्ष इसे लेकर आमने-सामने हो गया. एनडीए की ओर से इस आंकड़े की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए गए. वहीं 5 नवंबर, रविवार को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुजफ्फरपुर की रैली से इस मुद्दे को छेड़कर आग में घी का काम कर दिया. उन्होंने जातीय सर्वे के आंकड़े में गड़बड़ी का आरोप बिहार सरकार पर लगाया और मुस्लिमों और यादवों की आबादी बढ़ाकर दिखाने की बात कही. जिसके बाद प्रदेश में सियासी घमासान मच गया. सत्ता पक्ष भी भाजपा पर हमलावर हो गयी. सोमवार को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई तो ये मुद्दा भी उछलता रहा.सूबे के उपमुख्यमंत्री सह राजद नेता तेजस्वी यादव ने अब अमित शाह के दावे का प्रमाण मांगा है.
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र शुरू होते ही बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा. रविवार को मुजफ्फरपुर की रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में कराए गए जातीय सर्वे के आंकड़े पर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि इस आकंडे़ में गड़बड़ी की गयी और मुस्लिम व यादवों की संख्या को बढ़ाकर दिखा गया तो तेजस्वी यादव इस आरोप पर जमकर बरसे. रविवार के बाद सोमवार को भी उन्होंने इसपर प्रतिक्रिया दी. विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि अमित शाह जो दावा कर रहे हैं इसका प्रमाण क्या है? तेजस्वी ने पूछा कि आखिर किस आधार पर गृह मंत्री ये दावा कर रहे हैं. हमारे पास तो साइंटिफिक डाटा है. लेकिन उनके पास क्या है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दरअसल, ये लोग हकबका गए हैं. अमित को बोलना कुछ होता है और वो बोल कुछ जाते हैं. वो हमें फायदा पहुंचाने ही आते हैं. धन्य हैं अमित शाह. आप ऐसे ही आते रहिए. इससे पहले तेजस्वी यादव ने कहा था कि वह झूठ व भ्रम नहीं फैलाएं. उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि अगर बिहार के जाति सर्वेक्षण के आंकड़े गलत हैं, तो केंद्र सरकार पूरे देश और सभी राज्यों में जाति गणना करा अपने आंकड़े जारी क्यों नहीं करती?
“भाजपा के पास कोई आधार नहीं बचा है, ये लोग हक़बका गए हैं, डरे हुए हैं। अमित शाह बिहार आते ही हैं हमे फ़ायदा पहुँचाने, बिहार आते रहिए अमित शाह…”
-श्री Tejashwi Yadav जी
(मा० उप मुख्यमंत्री)#Bihar pic.twitter.com/QPqhq1LrDJ— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 6, 2023
वहीं भाजपा सांसद सुशील मोदी ने अमित शाह के दावे को सही बताते हुए कहा कि गृह मंत्री सही कह रहे हैं. यादव और मुस्लिम की संख्या बढ़ायी गयी है. 1931 के जातीय जनगणना में यादव की आबादी 12.7 प्रतिशत थी. अब ये बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गयी. मुस्लिमों की आबादी तब 14.6 प्रतिशत थी जो बढ़कर अब 17.7 प्रतिशत दिख रहा है. अति पिछड़ा समाज 36 फीसदी से काफी अधिक है. कई वर्ग के लोग धरना दे रहे हैं जो कह रहे हैं कि हमारी संख्या घटाकर बतायी गयी. इसका जवाब देना चाहिए. लालू यादव के दबाव में ये किया गया.
#WATCH | Patna: On Bihar caste-based survey, BJP leader Sushil Modi says, "…Amit Shah has rightly said that the number of Yadavs and Muslims was increased. In 1931, a caste-based census took place so at that time, 12.7% of Yadav population were in Bihar, now their population… pic.twitter.com/qokJMFJm8Z
— ANI (@ANI) November 6, 2023
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डे के मैदान में भाजपा की जनसभा रविवार को हुई . इस सभा में पहुंचे केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने चुनावी बिगुल बजाते हुए विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तुष्टिकरण की राजनीति के तहत राज्य के जाति सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया.
अमित शाह के बयान पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह मुजफ्फरपुर की जनसभा में तर्कहीन और अनर्गल भाषण दे रहे थे. वह कह रहे थे कि जाति गणना का आंकड़ा गलत है. अगर उनकी यह बात सच है, तो मुजफ्फरपुर में उन्होंने देशव्यापी जाति जनगणना करवाने की घोषणा क्यों नहीं की? उन्होंने कहा कि अमित शाह का स्क्रिप्ट राइटर उन्हें गलत जानकारी दे रहा है, इसलिए वे बिहार आकर बार-बार गलतबयानी करते हैं. ललन सिंह ने कहा कि भाजपा जब नीतीश कुमार को जनाधार में कमजोर नहीं कर सकी, तो साजिश रचकर पीठ में छुरा घोंपने का काम किया.