तेजस्वी यादव का बिहार सरकार से सवाल, अगर विकास हुआ, तो बेरोजगारी, अस्पताल व शिक्षा की स्थिति बदतर क्यों
उन्होंने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का नाम लेते हुए भी उसे खतरनाक बता दिया. यह भी कहा कि कभी सीएम भी आरएसएस के बारे में ऐसा ही कहते थे. इस पर सत्तापक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया.
पटना. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण पर विरोध में बोलते हुए कहा कि सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच साल में वहीं कंटेंट और फॉरमेट में राज्यपाल के भाषण को पेश किया जा रहा है, सिर्फ आंकड़े बदल दिये जा रहे हैं. प्रखंड से राज्य तक भ्रष्टाचार व्याप्त है. शराबबंदी मजाक है. अगर विकास हुआ है, तो राज्य में बेरोजगारी क्यों है. शिक्षा और अस्पताल की स्थिति बदहाल क्यों बनी हुई है. राज्य सरकार में नीति, नियम और नैतिकता का घोर अभाव है. वह लाचार एवं मूक-बधिर हो चुकी है.
भाजपा और जदयू की जुगलबंदी सिर्फ स्वार्थ की बदौलत है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के अलावा सत्ता पक्ष के जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी समेत अन्य के समय-समय पर दिये बयानों का उल्लेख करते हुए अंग्रेजी में कहा कि इनमें कांट्रास्टिंग कैरेक्टर एंड आइडियोलॉजी (विषम चरित्र और विचारधारा) दिखती है. सिर्फ भ्रष्टाचार ही इनमें सामान्य है. सरकार से पूछा कि आर यू रनिंग ए सर्कस ऑर गर्वमेंट? (आप इस तरह से सरकार चला रहे हैं या सर्कस).
इसी क्रम में उन्होंने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का नाम लेते हुए भी उसे खतरनाक बता दिया. यह भी कहा कि कभी सीएम भी आरएसएस के बारे में ऐसा ही कहते थे. इस पर सत्तापक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक संस्थान है. इसके बारे में ऐसे नहीं बोल सकते. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पर अध्यक्ष ने भी कहा कि जिस संस्थान का इस हॉउस से कोई लेना-देना नहीं है, उसका नाम क्यों ले रहे हैं. बाद में उन्होंने इस शब्द को कार्यवाही से बाहर निकाल दिया. परंतु आरएसएस के नाम पर शुरू हुआ हंगामा नहीं थमा.
इसी बीच राजद के सुरेंद्र यादव ने सत्तापक्ष की तरफ ऊंगली दिखाते हुए उन्हें गांधी का हत्यारा बोल दिया. तब हंगामा काफी तेज हो गया. इसी क्रम में भाजपा विधायक ने कहा, चारा चोर का बेटा. तब तेजप्रताप यादव अपने स्थान पर खड़ा होकर भाजपा विधायक को ललकारने लगे. साथ ही राजद के कुछ अन्य विधायक भी इस हंगामा में कूद गये और दोनों तरफ से तना-तनी होने लगी. इस पर अध्यक्ष ने सभा को पौने तीन बजे दोपहर तक के लिए स्थगित करके तुरंत बाहर चले गये. इस बीच हंगामा तेज होने पर मार्शल वेल में पहुंच गये और दोनों तरफ से विधायकों को रोकने के लिए पोजिसन ले लिया, लेकिन इससे आगे की नौबत नहीं आयी और मामला शांत हो गया.
15 मिनट के स्थगन के बाद जब विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो नेता प्रतिपक्ष ने कई मामलों को लेकर सरकार पर हमला जारी रखा. हालांकि उन्होंने यह कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में सभी को अपना-अपना पक्ष रखने का अधिकार है. विचारों में भिन्नता हो सकती है, असहमति हो सकती है. उन्होंने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का नाम लेते हुए कहा कि मुसलमानों से वोटिंग का अधिकार छीनने की बात पर आप कैसे चुप हैं. मुख्य सचिव से वोटिंग राइट छीनने की बात हो रही है. इस पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सरकार किसी को सिटिजनशिप दे सकती है, छीन नहीं सकती है. हमारी सरकार सब का साथ, सबका विकास पर विश्वास करती है.
अड़े बचौल बोले,जनता देती है सदस्यता, माफी का सवाल ही नहीं
मुसलमानों से वोटिंग अधिकार छीन लेने के बयान को लेकर बिहार की सियासत भले ही गर्म है लेकिन भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल अपने इस बयान पर तटस्थ हैं. इस बयान को लेकर बुधवार को विधानसभा में हंगामा हुआ . विपक्षी दल माफी मंगवाने पर तो भाजपा विधायक अपनी बात पर अड़े रहे.
विधान सभा की कार्यवाही के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे. बचौल का कहना था कि तेजस्वी प्रसाद यादव आरएसएस पर बोल रहे हैं वह यह बतायें कि उनके पास संपत्ति कहां से आयी. सदन से हमारा निष्कासन कराने की मांग करने वाले अच्छे से समझ लें कि मेरी सदस्यता जनता तय करती है. माफी का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है.