बिहार विधानसभा (Bihar Vidhansabha) के मानसून सत्र में भाजपा विधायकों द्वारा तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया गया. भाजपा विधायक प्रश्नकाल में वेल में पहुंच गए और पोस्टर दिखाते हुए नारेबाजी करने लगे. अध्यक्ष ने जब मार्शल को पोस्टर लेने का आदेश दिया तो विधायक कुर्सी उछालने लगे. इसके बाद सदर की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. भाजपा विधायकों की इस हरकत पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खास नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि विपक्ष में जो लोग बैठे हैं, उन्हें देखकर लगता ही नहीं है कि वे विधायक हैं. विधायक का जो आचरण होता है, वे इनमें नहीं दिखता है. उनका काम केवल उलटी-सीधी बातें करना और कमेंट करना है.
विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरे पर से पहली बार चार्जशीट दाखिल नहीं हुआ. इससे पहले 2017 में मामले में चार्जशीट दाखिल हुआ है. मैंने 2022 में मंत्री पद की शपथ ली, फिर उस वक्त विपक्ष के नेताओं ने क्यों मुझे शपथ लेने से रोका. 2017 से 2023 हो गया. मामले में क्या हुआ ये तो भगवान ही जानता है. बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई के द्वारा सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गयी है. इसमें तेजस्वी यादव के साथ लालू यादव, राबड़ी देवी समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसके बाद से भाजपा तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांग रही है.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि दूसरे राज्यों में भाजपा भ्रष्टाचारियों को माला पहना कर पार्टी में शामिल करा रही है. क्योंकि भाजपा वॉशिंग मशीन है, जिसका वाशिंग पाउडर खत्म हो गया है. अब जनता ताला लगायेगी. तेजस्वी ने कहा कि शिक्षकों के मामले को मुख्यमंत्री खुद देख रहे हैं. सदन के बाद शिक्षक नेताओं से मिल कर नियमानुसार पूरी चर्चा करेंगे. क्योंकि बिहार में लोकतंत्र है, लेकिन किसान और पहलवान नाक रगड़ते रह जाते हैं. लेकिन पीएम इन सभी से मिलते नहीं है. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री शिक्षकों से मिलकर उनसे चर्चा करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा को बिहार की जनता और उनके विकास से कोई मतलब नहीं है.