बिहार के किशनगंज जिले में मेची नदी पर ठाकुरगंज से बहादुरगंज के बीच बन रहे पुल का पीलर शनिवार को धंस गया. जिसके बाद अब इस मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण विभाग के मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि यह केंद्र सरकार की परियोजना है. ऐसे में एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय और दंड देने का सर्वाधिकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का है.
तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि यह केंद्र सरकार के अधीन भारत माला परियोजना के अंतर्गत एनएचएआइ द्वारा निर्माणाधीन पुल है. इसका बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं है. इस परियोजना के निर्माण से संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय और दंड देने का सर्वाधिकार एनएचएआइ का है.
यह केंद्र सरकार अधीन “भारत माला परियोजना” अंतर्गत NHAI द्वारा निर्मित निर्माणाधीन पुल है। इसका बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं है। इस परियोजना के निर्माण से संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय एवं दंड देने का सर्वाधिकार NHAI का है। https://t.co/UUO5FmcDIE
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 24, 2023
गौरतलब है कि किशनगंज के गलगलिया से अररिया तक एनएच 327इ के चौड़ीकरण में मेची नदी पर निर्माणाधीन पुल का पाया धंस गया. जानकारी के मुताबिक जीआर इन्फ्रा कंपनी 1546 करोड़ की लागत से 94 किलोमीटर लंबे गलगलिया से अररिया के बीच एनएच 327 इ का चौड़ीकरण का काम कर रही है. इस सड़क पर दर्जन भर नये पुलों का निर्माण होना है. महत्वपूर्ण पुलों में एक किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड से बहादुरगंज प्रखंड के बीच गोरी चौक स्थित मेची नदी पर भी छह स्पैन का पुल बना है, इसी निर्माणाधीन पुल का पाया शुक्रवार को बीच से धंसा है.
Also Read: बिहार: ठाकुरगंज-बहादुरगंज के बीच मेची नदी पर बन रहे पुल का पाया धंसा, गुणवत्ता को लेकर लोगों में संशय
वहीं कुछ दिन पहले ही अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिर गया था. इसके बाद इस मामले में एनएचएआइ पटना के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने अपने क्षेत्राधिकार के सभी परियोजना निदेशकों को पत्र लिखकर सभी निर्माणाधीन पुलों की जांच करने का निर्देश दिया था. यह जांच आइआइटी या एसइआरसी, चेन्नई से करवाने के लिए कहा गया है.