बिहार के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में मेडिकल कॉलेज से लेकर सीएचसी स्तर तक हो रहे विस्तार को देखते हुए विभाग को 1.60 लाख लोगों की आवश्यकता होगी. इसके लिए रिक्त पदों का भरने की कवायद शुरू कर दी गयी है. हाल ही में 13 हजार नियुक्ति पत्र बांटे गये, जबकि 7987 पदों का सृजन किया गया. शेष पदों को भरने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार की जा रही है.
विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के बजट मांग पर सरकार की तरफ से जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज सह हॉस्पिटल खोलने का निर्णय लिया है. निधि की उपलब्धता को देखते हुए फिलहाल सीवान, सारण, समस्तीपुर, पूर्णिया, झंझारपुर, जमुई, बक्सर और बेगूसराय में मेडिकल कॉलेज पर काम चल रहा है, जबकि सुपौल, गोपालगंज और मुंगेर में नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाना है. इसके साथ ही एनएच व एसएच पर होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए 11 नये ट्रॉमा सेंटर बनाने जा रहे हैं. यह ट्रॉमा सेंटर झझवा, महेशखूंट, मोहनिया, चकिया, रजौली, अररिया संग्राम, रहुई, शेरघाटी, नरपतगंज, गोरौल और रजौन में बनाये जायेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आशा व ममता के मानदेय को बढ़ाने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है. एएनएम बहनों के लिए स्टेट कैडर बनाने पर काम हो रहा है. डॉक्टरों की गृह जिले में ही पोस्टिंग हो जाये, विभाग इस पर भी विचार कर रही है. इससे डॉक्टर-नर्सों की अस्पतालों में उपलब्धता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक एक ही जगह जमे हेल्थ मैनेजरों के कार्यों में बेहतरी लाने के लिए उनका स्टेट कैडर बनाने का काम हो रहा है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आकस्मिक चिकित्सा स्थिति से निबटने के लिए डॉक्टरों का इमरजेंसी कैडर बनाने का काम किया गया है, ताकि मरीजों का नुकसान न हो. अस्पतालों में उपलब्ध सेवाओं की पारदर्शिता को लेकर रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गयी है. इसके तहत अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की सूची दीवार पर डिस्प्ले करने के निर्देश दिये गये हैं.
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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी विधानसभा क्षेत्र में पांच-पांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और एक-एक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए 1754 करोड़ रुपये दिये गये हैं. दरभंगा एम्स के लिए रिकॉर्ड टाइम पर जमीन नोटिफाई कर दी गयी. राज्य सरकार डीएमसीएच को अपने खर्चे पर बनाने का काम करेगी. आइजीआइएमएस को विस्तार के लिए 513 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. उन्होंने बताया कि 21 सदर अस्पतालों को मॉडल अस्पताल बनाने के लिए 580 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसके साथ ही 20 नये पारा मेडिकल संस्थानों की स्थापना भी की जा रही है.