तेजस्वी यादव ने बताया बिहार पर्यटन की ब्रांडिंग जरूरी, बन रहा है मौसम आधारित रोड मैप, जानें क्यों होगा खास
उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पर्यटन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं.पर्यटन स्थल का विकास होगा , तो पर्यटक भी आयेंगे और इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी, लेकिन बिहार पर्यटन को ब्रांडिंग करने की जरूरत है. इस दिशा में काम भी चल रहा है.
उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पर्यटन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं.पर्यटन स्थल का विकास होगा , तो पर्यटक भी आयेंगे और इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी, लेकिन बिहार पर्यटन को ब्रांडिंग करने की जरूरत है.इस दिशा में काम भी चल रहा है. राज्य सरकार अधिक- से -अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने की रणनीति पर काम कर रही है.राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप बनाया जा रहा है.
राज्य में सभी धर्मों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और सूफी परंपरा के महत्वपूर्ण स्थल हैं, इन धर्मों को ध्यान में रख कर सर्किट विकसित किया जा रहा है. सोमवार को पर्यटन मंत्री अपने विभागीय कार्यालय में नये साल 2023 के कैलेंडर,टेबल कैंलेंडर और डायरी के लोकार्पण के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे. उन्होंने कहा कि बिहार में एक- से -एक अच्छे पर्यटन स्थल हैं,लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग होगी, तो देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी. मौके पर विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह और पर्यटन निगम के एमडी कंवल तनूज भी उपस्थित थे.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बताया कि कैलेंडर और डायरी को थीम और मौसम को आधार पर बनाया गया है. जैसे जनवरी में बोधगया में होने वाले कालचक्र कार्यक्रम और बौद्ध महोत्सव का वर्णन और फोटो कैलेंडर में है.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार में घुसते ही पर्यटकों को सड़क किनारे लग्जरी ढाबा-रेस्तरां मिलेंगे.पर्यटन विभाग ने अगले तीन साल में पर्यटन केंद्रों को जोड़ने वाली सड़कों पर लग्जरी ढाबा-रेस्तरां व अन्य सुविधा केंद्र खोलने की योजना बनायी है. इसके लिए आवेदन भी आमंत्रित किये गये हैं.इन फूड प्लाजा व रेस्तरां में 50-60 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता, अपशिष्ट निबटान सुविधा, 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा, प्राथमिकी चिकित्सा व्यवस्था और पार्किंग क्षेत्र होना अनिवार्य होगा.ढाबा-रेस्तरां विकसित करने के लिए सरकार निर्धारित मापदंड के अनुसार सरकार 10 लाख से लेकर 50 लाख तक अनुदान भी देगी.