जमीन के बदले नौकरी मामले में फंसे तेजस्वी यादव, CBI ने दायर किया चार्जशीट
सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दायर किया गया है.
पटना. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जमीन के बदले नौकरी घोटाले में फंस गये हैं. सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दायर किया गया है. इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दायर किया जा चुका था. सीबीआई ने अब तेजस्वी यादव समेत दूसरे लोगों को भी अभियुक्त बनाते हुए चार्जशीट दायर किया है. तेजस्वी यादव पिछले दिनों इस बात की आशंका जाहिर की थी.
तेजस्वी यादव पर क्या है आरोप
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी के घोटाले में तेजस्वी यादव दिल्ली के सबसे पॉश इलाके न्यू फ्रेंडस कॉलोनी के अपने आलीशान बंगले के कारण फंसे हैं. सीबीआई और ईडी का आरोप है कि रेलवे के घोटाले से ये बंगला खरीदा गया. दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के इस बंगले का नंबर है डी-1088. चार मंजिले इस बंगले का रजिस्ट्रेशन मैसर्स एबी एक्सपोटर्स प्रा. लि. के नाम पर है. इस कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव हैं. कागजों में बताया गया कि इस बंगले को सिर्फ 4 लाख रुपये में ही खरीदा गया था, जबकि इसकी कीमत 150 करोड़ रुपये से ज्यादा बतायी गयी है. जांच एजेंसियों का आरोप है कि इस संपत्ति को रेलवे घोटाले से जुटाए गये पैसे से खरीदा गया. तेजस्वी इस बंगले का उपयोग अपने आवास के रूप में करते हैं.
क्या है घोटाला
ये घोटाला उस वक्त का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे. 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार में लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ही ली थी. आरोप है कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा हुआ दिखाया गया. कुछ लोगों ने तो लालू यादव के परिजनों को गिफ्ट में जमीन दे दी थी. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत रेलवे के अधिकारियों और दूसरे व्यक्तियों पर आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि वह मामले की आगे भी जांच कर रही है और इसमें नये लोगों की भूमिका सामने आ सकती है.